रांची (वरीय संवाददाता). झारखंड मिल्क फेडरेशन (जेएमएफ) के रीजनल मिल्क यूनियन गठन को लेकर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि 2029 के बाद फेडरेशन का संचालन किसानों को ही करना है. 2029 में एनडीडीबी के साथ झारखंड का समझौता खत्म हो जायेगा. इसकी तैयारी अभी से शुरू करनी है. किसानों को सशक्त होना होगा. किसानों को बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाली है. कार्यक्रम का आयोजन बुधवार को मेधा डेयरी के होटवार स्थित प्लांट परिसर में किया गया. इस मौके पर मंत्री ने अच्छा प्रदर्शन करने के लिए इटकी दुग्ध उत्पादक सहयोग समितियां के साथ-साथ पुरियो दुग्ध उत्पादक सहयोग समिति, हरही दुग्ध उत्पादक सहयोग समिति लिमिटेड को सम्मानित किया. केवल महिलाओं द्वारा संचालित नवाटोली दुग्ध उत्पादक समिति को भी सम्मानित किया गया.
मंत्री श्रीमती तिर्की ने कहा कि अभी जेएमएफ प्रतिदिन करीब ढाई लाख लीटर दूध का संग्रहण कर रहा है. 2029 तक इसे 10 लाख लीटर तक पहुंचाने का लक्ष्य है. इतना लक्ष्य प्राप्त करने के लिए किसानों को आगे आना होगा. सरकार को राज्य के किसानों से बहुत अपेक्षा है. इस संस्था को खड़ी करने में सरकार ने बहुत सहयोग किया है. अब इसको आगे बढ़ाने के लिए रीजनल सोसाइटी के गठन की जरूरत है. यह किसान और संस्थान के बीच सेतू का काम करेगा.2029 के बाद नहीं होगा एमओयू
कांके के विधायक सुरेश बैठा ने कहा कि यूपीए सरकार ने किसानों के हित में कई काम किये थे. वर्तमान सरकार भी किसानों के लिए हमेशा खड़ी है. सचिव अबु बक्कर सिद्दीख ने कहा कि 10 साल पहले शुरू हुई यह संस्था आज राज्य के सभी 24 जिलों में काम कर रही है. लेकिन, यह राज्य सरकार के साथ तीसरा एमओयू है. 2029 में यह एमओयू समाप्त हो जायेगा. उसके बाद एमओयू नहीं होगा. इस कारण संस्था को मजबूत कर देना है. मौके पर सिद्धकोफेड के राकेश कुमार सिंह व गव्य विकास विभाग के उप निदेशक डॉ मनोज तिवारी ने भी विचार रखे.10 साल में कारोबार 10 से बढ़कर 430 करोड़ हुआ
एनडीडीबी की अनंदिता वैद्य ने कहा कि किसानों की मेहनत को प्रोफेशनल स्किल की जरूरत है. इससे वह आगे बढ़ सकते हैं. फेडरेशन के एमडी जयदेव विश्वास ने कहा कि पिछले 10 साल में संस्था ने जबरदस्त प्रगति की है. 2014-15 में संस्था का कारोबार 10 करोड़ रुपये का था. अभी यह 430 करोड़ रुपये का हो गया है. पहले कहा जाता था कि झारखंड में 50 हजार लीटर दूध संग्रहण की भी संभावना नहीं है. लेकिन हम आज 2.50 लाख लीटर दूध प्रतिदिन संग्रहित कर रहे हैं. इसके लिए राज्य सरकार ने समय-समय पर बहुत सहयोग दिया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है