पिपरवार. पुनर्वास गांव चिरैयांटांड़ की उपेक्षा के विरोध में रैयतों द्वारा दी गयी आंदोलन की चेतावनी के मद्देनजर सीसीएल अधिकारियों का एक दल मंगलवार को गांव का दौरा किया. इस दौरान अधिकारियों ने गांव में मूलभूत सविधाओं का जायजा लिया. ग्रामीणों ने गांव में सड़क, नाली, बिजली, पेयजल, स्कूल, अस्पताल आदि की जर्जर स्थिति से अवगत कराया. ग्रामीणों की शिकायत थी कि प्रबंधन कभी उनकी सुध नहीं लेता है. जबकि मंगरदाहा गांव में ही पिपरवार परियोजना खदान खोली गयी. अब दूसरे चरण में भूमिगत खदान का निर्माण किया जा रहा है. ग्रामीणों की शिकायत थी कि कई रैयत ऐसे भी हैं, जिनकी अब तक नौकरी पेंडिंग है. प्रबंधन दो वर्षों से झूठे आश्वासन दे कर बरगला रहा है. इस अवसर पर अधिकारियों ने ग्रामीणों को बताया कि हमलोग जीएम के निर्देश पर ही यहां आये हैं. जितना संभव हो सकेगा हम इस पुनर्वास गांव का विकास करेंगे. जानकारी के अनुसार मंगरदाहा रैयत विस्थापित समिति, चिरैयाटांड़ ने गांव की उपेक्षा के खिलाफ पिपरवार महाप्रबंधक को ज्ञापन दिया था. जिसमें गांव के विकास नहीं करने पर भूमिगत खदान निर्माण, कोयला ढुलाई रोकने व अनिश्चितकालीन धरना देने की चेतावनी दी गयी थी. मौके पर सिविल, भूमि व राजस्व, सुरक्षा, इएंडएम विभाग के अधिकारी व ग्रामीणों में वीरेंद्र कुमार गंझू, संजय गंझू, अशोक करमाली, दीपक कुमार, राहुल कुमार, विक्रम कुमार गंझू, प्रदीप गंझू, अमर सिंह, कैलाश करमाली, सलखु गंझू, राहुल रिकसन, राजेश कुमार, रंथू गंझू, गोपाल गंझू आदि मौजूद थे.
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