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Ranchi News : स्पेन व स्वीडन से 3060 करोड़ के निवेश पर सहमति

उद्योग सचिव अरवा राजकमल ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में स्पेन और स्वीडन गये प्रतिनिधिमंडल ने झारखंड में निवेश हेतु विदेशी निवेशकों को आमंत्रित किया. इस दौरान हमें कुल नौ कंपनियों से निवेश के प्रस्ताव भी मिले.

रांची (विशेष संवाददाता). उद्योग सचिव अरवा राजकमल ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में स्पेन और स्वीडन गये प्रतिनिधिमंडल ने झारखंड में निवेश हेतु विदेशी निवेशकों को आमंत्रित किया. इस दौरान हमें कुल नौ कंपनियों से निवेश के प्रस्ताव भी मिले. इनमें दो कंपनियों से 320 मिलियन यूरो (3060 करोड़) के निवेश प्रस्ताव पर सहमति भी मिल चुकी है. साथ ही कई कंपनी ने झारखंड में निवेश करने हेतु रुचि भी दिखायी है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने उक्त देशों के उद्यमियों से कहा है कि झारखंड में निवेश की सुगम सुविधा के लिए यूरोपीय कंपनियों के लिए समर्पित यूरोप निवेश डेस्क स्थापित किया जायेगा.

उद्योग सचिव ने बताया कि स्पेन में टेस्ला ग्रुप कंपनी के चेयरमैन दुसान लिचार्ड्स ने बैटरी भंडारण उत्पादन के निर्माण के लिए झारखंड में एक परियोजना स्थापित करने के लिए करीब 150 मिलियन यूरो के निवेश की इच्छा जतायी है. वहीं आसीडी एस्पेनयोल फुटबॉल क्लब की ओर से झारखंड में फुटबॉल कोचों को प्रशिक्षण देने का प्रस्ताव मिला है. इसके अलावा फेरा डी बर्सिलोना से रांची में 120-170 मिलियन यूरो के निवेश से एक मेगा सम्मेलन और व्यापार प्रदर्शनी केंद्र विकसित करने का प्रस्ताव मिला है. इसके अलावा अबर्टिस कंपनी ने पीपीपी मोड में झारखंड में सड़क निर्माण में निवेश की इच्छा जतायी है. जिट्रोन कंपनी ने मैन्यूफैक्चरिंग में. नोवार्गी व ग्रीन सोलर ने क्लीन एनर्जी में ज्वाइंट वेंचर का प्रस्ताव दिया है. कैटालुनायार ने शिक्षा व आइवीएएल स्वीडन ने वेस्ट वाटर मैनेजमेंट में टेक्निकल सहयोग पर सहमति दी है. साहिबगंज-गोविंदपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के आसपास इंडस्ट्रियल भूमि विकसित की जायेगी.

एफडीआइ में होगी बढ़ोतरी

उद्योग सचिव ने कहा कि एफडीआइ के क्षेत्र में झारखंड पिछड़े राज्यों में शामिल है. आंकड़े ही स्पष्ट करते हैं कि झारखंड एफडीआई के मामले में दिल्ली जैसे छोटे राज्यों से भी नीचे, आठवें पायदान पर हैं. वित्तीय वर्ष 2019-20 और 2020-21 को छोड़ दें, जब लगभग 1852 मिलियन डॉलर के निवेश पर बात बनी, लेकिन पिछले 10 वर्षों में कभी 10 मिलियन डॉलर का भी एफडीआई नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि सच यह भी है कि झारखंड में जमीन अधिग्रहण एक समस्या है. कुछ नीतियों में संशोधन की जरूरत है. 2016 के बाद पिछले नौ वर्षों में एफडीआई लाने के लिए कोई सार्थक प्रयास भी नहीं हुआ. हालांकि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में स्पेन और स्वीडन दौरा एफडीआई लाने की दिशा में एक सार्थक कदम है. झारखंड को इसका लाभ मिलेगा.

इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी व अन्य नीतियों में होगा बदलाव

उद्योग सचिव ने बताया कि वहां आये सुझाव के बाद इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी व अन्य नीतियों में भी बदलाव किया जायेगा. झारखंड में कोई स्टार्टअप पॉलिसी भी नहीं है. स्टार्टअप पॉलिसी बनाने की दिशा में शीघ्र कदम उठाया जायेगा. साथ ही जिन विदेशी उद्योगपतियों, अधिकारियों और वहां के प्रतिनिधियों से बातचीत हुई है, उस पर अमल करने के लिए लगातार प्रयास किये जायेंगे.

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