23.6 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Ranchi News : रांची में नि:शुल्क बांग्ला शिक्षा की पहल, बच्चे-बुजुर्ग भी सीख रहे भाषा

आपनजोन बंगाली संगठन, सिंह मोड़, रांची की ओर से मातृभाषा बांग्ला के प्रचार-प्रसार के लिए अपूर पाठशाला का संचालन किया जा रहा है.

सिंह मोड़ में अपूर पाठशाला, बांग्ला भाषा को सहेजने में जुटा आपनजोन बंगाली संगठन

रांची (लता रानी). आपनजोन बंगाली संगठन, सिंह मोड़, रांची की ओर से मातृभाषा बांग्ला के प्रचार-प्रसार के लिए अपूर पाठशाला का संचालन किया जा रहा है. यह पाठशाला विकास नगर रोड नंबर दो, सिंह मोड़ स्थित हिनू क्षेत्र में संचालित है, जहां बच्चों से लेकर वरिष्ठ नागरिकों तक को नि:शुल्क बांग्ला पढ़ना, लिखना और बोलना सिखाया जा रहा है. विशेष बात यह है कि यहां अध्ययन सामग्री किताबें, कॉपियां, पेन और पेंसिल आदि भी नि:शुल्क प्रदान की जाती हैं. झारखंड बांग्ला भाषा उन्नयन समिति के संरक्षण में आरंभ हुई इस पाठशाला ने हाल ही में अपनी सफल यात्रा का एक वर्ष पूरा कर लिया है. इसका मुख्य उद्देश्य नयी पीढ़ी को अपनी मातृभाषा से जोड़ना और बांग्ला भाषा को जीवित रखना है. पाठशाला की विशिष्टता यह भी है कि इसके संचालन में सेवानिवृत्त बंगाली बुजुर्ग सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. उम्र के इस पड़ाव में भी वे अपनी भाषा और संस्कृति के संरक्षण में जुटे हुए हैं. उल्लेखनीय है कि यहां केवल बंगाली समुदाय ही नहीं, बल्कि गैर-बंगाली लोग भी बांग्ला सीखने में रुचि दिखा रहे हैं. कई बुजुर्ग गैर-बंगाली भी नियमित रूप से पाठशाला में भाग लेकर भाषा सीख रहे हैं. संगठन के अध्यक्ष आरसी सरकार और सचिव जगत ज्योति रॉय ने अपने प्रयास को अपने संगठन के 150 सदस्य टीम के साथ आगे बढ़ाने का संकल्प पूरा कर रहे हैं. आपनजोन संगठन के सदस्य आने वाले समय में इस प्रयास को और विस्तार देने और अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

हर रविवार नियमित कक्षाएं

अपूर पाठशाला प्रत्येक रविवार सुबह आठ से 10 बजे तक संचालित की जाती है. इस दौरान बच्चों को पढ़ने-लिखने के साथ-साथ बांग्ला बोलना भी सिखाया जाता है. यह पूरी प्रक्रिया पूर्णत: नि:शुल्क है और किसी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लिया जाता है. इस प्रयास से आसपास के इलाकों के बच्चे, युवक और बुजुर्ग बड़े उत्साह से जुड़ रहे हैं. संगठन के अध्यक्ष आरसी सरकार और सचिव जगत ज्योति रॉय ने बताया कि वे अपनी 150 सदस्यीय टीम के साथ इस अभियान को सतत आगे बढ़ा रहे हैं. इस प्रयास से आसपास के बच्चे, युवा और बुजुर्ग भी बड़ी रुचि से जुड़ रहे हैं. लोगों में बांग्ला भाषा सीखने के प्रति उत्साह लगातार बढ़ता जा रहा है. पाठशाला में कार्यरत शिक्षिकाएं भी पूरी निष्ठा के साथ निःशुल्क सेवा दे रही हैं, जो इस कार्य को और अधिक प्रभावशाली बना रही हैं.

बांग्ला भाषा की शिक्षिकाओं का समर्पण प्रशंसनीय

पाठशाला में तीन बंगाली शिक्षिकाएं नि:स्वार्थ भाव से शिक्षण कार्य में जुटी हैं. शिक्षिका शंपा मंडल ने बताया कि हम बच्चों और बड़ों को बांग्ला पढ़ना, लिखना और बोलना सिखा रहे हैं. यह देखकर बहुत प्रसन्नता होती है कि रिटायर गैर-बंगाली बुजुर्ग भी बांग्ला सीखने के लिए उत्सुक रहते हैं. शिक्षिका शंपा मंडल ने बताया कि हम तीन बंग भाषी शिक्षिकाएं पाठशाला में बच्चों और बड़ों को बांग्ला बोलना-पढ़ना और लिखना सीखा रहे हैं. बहुत खुशी होती है सबको बांग्ला पढ़ाना.

भाषा सीखने को लेकर समुदाय में उत्साह

सक्रिय सदस्य भजन कर्मकार ने बताया कि यह प्रयास न केवल भाषा को जीवित रखने की दिशा में एक मजबूत कदम है, बल्कि सामुदायिक एकता और सांस्कृतिक पहचान को भी सुदृढ़ करता है. वर्तमान में 15 से अधिक बच्चे और बुजुर्ग पाठशाला से लाभान्वित हो रहे हैं. वहीं, रोड नंबर दो सिंह मोड़ की निवासी सुप्रिया रॉय ने कहा कि मैं एक गृहिणी हूं और अपूर पाठशाला के माध्यम से बांग्ला सीख रही हूं. नि:शुल्क भाषा सीखने का यह अवसर हमारे लिए गर्व की बात है. विकास नगर नेपाली कॉलोनी के छात्र सुदीप बार, जो कक्षा आठवीं में पढ़ते हैं, ने बताया कि पाठशाला से मुझे काफी कुछ सीखने को मिल रहा है. यहां किताबें और अन्य सामग्री भी मुफ्त दी जाती हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel