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झारखंड में करीब 29,000 सखी मंडल की महिलाएं बनीं कोविड ट्रेनर, ग्रामीणों को कर रही जागरूक

राज्य में सखी मंडल की कुल 526 प्रखंड स्तरीय रिसोर्स पर्सन प्रशिक्षित हैं, जो लगातार सखी मंडल की दीदियों को कोविड-19 कम्युनिटी ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित कर रहे हैं. अब तक पूरे राज्य में करीब 28,666 सखी मंडल की बहनें कोविड ट्रेनर के रूप में तैयार हो गयी है.

रांची : कोरोना महामारी (Corona pandemic) के मुश्किल भरी इस घड़ी में झारखंड में प्रवासियों (Migrant workers) के लौटने से कोरोना संक्रमितों (Corona infected) की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. प्रवासियों की वापसी के बाद ग्रामीण इलाकों में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ा है. गांव और ग्रामीणों को कोराना संक्रमण से बचाव एवं सुरक्षित करने के लिए झारखंड में सखी मंडल के जरिये एक अभिनव प्रयास (Innovative initiative) किया जा रहा है. कोरोना वॉरियर्स के रूप में सखी मंडल की बहनों को कोविड ट्रेनर्स के रूप में प्रशिक्षित किया गया है, ताकि वो ग्रामीणों को कोरोना से बचाव एवं सुरक्षा के लिए जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगी. साथ ही सामान्य दिनों में अपने काम पर वापसी के समय भी सुरक्षा एवं बचाव के नियमों पर ग्रामीणों को जागरूक करेंगी.

सखी मंडल की अनूठी पहल

विपदा की इस घड़ी में सखी मंडल की बहनों के जरिये झारखंड के ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण से बचाव एवं सुरक्षित रखने के उपायों पर कार्य किया जा रहा है. इसके तहत विभिन्न स्तर पर प्रशिक्षक तैयार किये गये हैं. राज्य के हर प्रखंड से 2 दीदियों को ब्लॉक रिसोर्स पर्सन के रूप में डिजिटल माध्यम से प्रशिक्षित किया जा चुका है. राज्य में सखी मंडल की कुल 526 प्रखंड स्तरीय रिसोर्स पर्सन प्रशिक्षित हैं, जो लगातार सखी मंडल की दीदियों को कोविड-19 कम्युनिटी ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित कर रहे हैं. अब तक पूरे राज्य में करीब 28,666 सखी मंडल की बहनें कोविड ट्रेनर के रूप में तैयार हो गयी है.

32 लाख परिवारों को किया जायेगा जागरूक

प्रशिक्षित कम्युनिटी ट्रेनर बहनें सुदूर गांवों में अबतक करीब 12 लाख महिलाओं अथवा परिवारों को कोविड-19 पर जागरूकता एवं बचाव से संबंधित प्रशिक्षण दे चुकी है. सखी मंडल की दीदियों का बस एक ही प्रयास है कि गांव में कोरोना का संक्रमण न फैले. इसके लिए जागरूकता ही बचाव है. इस अभिनव पहल (Innovative initiative) के जरिये राज्य में करीब 32 लाख ग्रामीण परिवारों को जून माह तक कोविड से बचाव पर जागरूक किया जा सकेगा.

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दीदियों का जागरूकता अभियान

राज्य में शुरू हुई इस अनूठी पहल में ट्रेनर दीदियां करीब 2 घंटे का प्रशिक्षण सखी मंडल की महिलाओं को दे रही हैं. इस प्रशिक्षण में कोविड-19 के लक्षण से लेकर उसके बचाव के तरीके एवं इम्युनिटी बढ़ा कर कोरोना को मात देने संबंधी विस्तार से जानकारी दे रही है. साथ ही मास्क, गलब्स और सोशल डिस्टैंसिंग से होने वाले फायदे के बारे में बता रही है. प्रखंड स्तरीय रिसोर्स पर्सन प्रशिक्षण में इनका खास ख्याल रखा जा रहा है.

गांव- गांव में प्रशिक्षण को मिल रहा बढ़ावा

ग्रामीण विकास मंत्रालय की पहल पर झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (JSLPS) के जरिये कोविड-19 के खिलाफ गांव- गांव में प्रशिक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है. अपनी तरह का यह अनूठा प्रयास झारखंड के गांवों को संक्रमण के खतरे से बाहर निकालने में सखी मंडल की दीदियों का यह प्रयास जरूर सफल होगा. मुश्किल भरे इस दौर में कोविड से बचाव ही एकमात्र उपाय है और अब जब गांव और शहर अनलॉक हो रहे हैं, तो दीदियों का यह जागरूकता कैंपेन गांव के लोगों में एक नयी उम्मीदों का संचार कर रहा है. तभी तो वह नयी ऊर्जा एवं पूरी तैयारी के साथ मास्क एवं सोशल डिस्टैंसिंग को हथियार बनाकर काम पर लौट रहे हैं.

100 परिवारों को दिया गया प्रशिक्षण : रेशमा खातून

सिमडेगा जिला अंतर्गत कोलेबिरा के प्रखंड स्तरीय रिसोर्स पर्सन रेशमा खातून बताती हैं कि अब तक करीब 100 परिवारों को वो प्रशिक्षण दे चुकी है और लोगों में भी कोविड-19 को लेकर जानकारी प्राप्त करने को इच्छुक है. रेशमा बताती हैं कि प्रवासी मजदूरों के लौटने से ग्रामीणों में डर है और लोग अधिक से अधिक कोरोना संक्रमण से बचाव के तरीके जानना चाहते हैं. प्रशिक्षण के बाद सखी मंडल की दीदियां लगातार अपने परिवार के लोगों को एवं आस-पड़ोस के लोगों को भी जागरूक कर रही हैं.

बीमारी से लड़ें, बीमार से नहीं : रंजू देवी

बोकारो के तेनुघाट की सामुदायिक ट्रेनर रंजू देवी बताती हैं कि प्रशिक्षण लेने से पहले हमारे यहां भी कोरोना संक्रमितों को छूआछूत की नजर से देखा जाता था, लेकिन अब माहौल बदल रहा है. अब लोग समझ गये हैं कि संक्रमित व्यक्ति भी पूर्णरूप से ठीक हो जाता है. कहती हैं कि हमें बीमारी से लड़ना है बीमार से नहीं.

रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर जोर : पुष्पा

खूंटी की सखी मंडल की दीदी एवं कम्युनिटी ट्रेनर पुष्पा बताती हैं कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मास्क, हैंड वाश, सोशल डिस्टैंसिंग, सफाई आदि के अलावा लोगों को अपनी रोग- प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के बारे में भी बताती हैं.

पहले थी भ्रांतियां, अब हुई दूर : अनिता देवी

गढ़वा के खरौंधी प्रखंड की अनिता देवी खुद एक कम्युनिटी ट्रेनर है. कहती हैं कि पहले कोरोना संक्रमण को लेकर ग्रामीणों में कई तरह की भ्रांतियां थीं. लेकिन, इस प्रशिक्षण के बाद से जहां पूरी भ्रांतियां दूर हुई, वहीं कोरोना से बचाव के उपाय के बारे में भी पूरी जानकारी मिली.

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हर मोर्चे पर अपनी जिम्मेदारी निभा रही दीदियां : राजीव कुमार

झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (JSLPS) के सीइओ सह विशेष सचिव राजीव कुमार कहते हैं कि कोविड-19 के खिलाफ सखी मंडल की दीदियां हर मोर्चें पर अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रही है. भूख के खिलाफ लड़ाई में मुख्यमंत्री दीदी किचन का संचालन कर रही है. मिशन सक्षम एप के जरिये करीब 3.15 लाख प्रवासियों के हुनर की पहचान का आंकड़ा दर्ज की है. वहीं, अब जागरूकता अभियान के रूप में दीदियां कोविड-19 के खिलाफ जागरूकता कैंपेन का प्रतिनिधित्व कर रही है, जो प्रशंसनीय है.

Posted By : Samir ranjan.

Prabhat Khabar Digital Desk
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