रांची (संवाददाता). झारखंड के पूर्व कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के पिता हरिशंकर पत्रलेख का निधन दो अप्रैल को हृदयगति रुक जाने के कारण हो गया. स्व हरिशंकर पत्रलेख का अंतिम संस्कार सारवां के दासडीह के समीप स्थित अजय नदी सती घाट में किया गया. बताया जाता है कि बीते मंगलवार को वह गंवाली पूजा में शामिल हुए और मां कुशमेश्वरी के दरबार में माथा टेका था. उन्हें कल रात सीने दर्द की शिकायत हुई और बुधवार की सुबह बेहतर इलाज के लिए रांची ले जाते समय रास्ते में (जैनामोड़ के पास) उन्होंने दम तोड़ दिया. कांग्रेसी सह पूर्व बीस सूत्री कार्यक्रम समिति के जिला उपाध्यक्ष रहे स्व हरिशंकर पत्रलेख के निधन से उनके समर्थकों व शुभचिंतकों में शोक की लहर दौड़ गयी. वह 1978 से 2000 तक कुशमाहा पंचायत के मुखिया, पूर्व जिला बीस सूत्री उपाध्यक्ष, पूर्व सांसद फुरकान अंसारी के सांसद प्रतिनिधि सहित कांग्रेस के कई पदों को सुशोभित किया था. वह छात्र जीवन से ही राजनीति में रुचि रखते थे और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्व डॉ जगन्नाथ मिश्र सहित अन्य कांग्रेसी नेताओं के प्रिय थे. एक दफा जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़े थे, लेकिन सफलता नहीं मिली. वह अपने पीछे पत्नी के अलावा पुत्र बादल पत्रलेख, विक्रम पत्रलेख सहित नाती-पोता से भरा-पूरा परिवार छोड़ गये हैं. लोगों का कहना है कि पूर्व विधायक स्व जवाहर सिंह को विधायक बनाने में इन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी. उनकी अंतिम यात्रा में सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन अंसारी, जिला बीस सूत्री उपाध्यक्ष मुनम संजय, दुमका के शामिल सिंह, मधुपुर के टार्जन, पंडा धर्मरक्षिणी सभा के महामंत्री निर्मल झा मंटू, कृष्णन खवाड़े, मुकेश यादव, राजेश यादव, अर्जुन हाजरा, नाजाबुल अंसारी, कृष्णा पासवान सहित भारी संख्या में शामिल हुए और श्रद्धांजलि अर्पित की.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है