रांची. पिस्का मोड़, हेसल स्थित जतरा मैदान में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ का समापन मंगलवार को हो गया. अंतिम दिन प्रयागराज से आये हुए कथा वाचक आचार्य अतुल द्विवेदी ने भगवान श्री कृष्ण के 16108 विवाह की कथा, सुदामा चरित्र, श्री कृष्ण- उद्धव संवाद, परीक्षित मोक्ष और भागवत सार के बारे में भक्तों को बताया.
भक्तों ने सुनी नरकासुर वध की कथा
आचार्य ने बताया कि नरकासुर एक अत्याचारी असुर था. एक बार नरकासुर ने कई राजाओं को पराजित कर उनकी कन्याओं को बंदी बना लिया और उन 16 हजार कन्याओं को कारागार में डाल दिया. तब भगवान श्री कृष्ण ने युद्ध कर नरकासुर का वध किया और उन सभी कन्याओं को कैद से मुक्त कराया. मुक्त करायी गयी कन्याओं ने भगवान श्री कृष्ण से विनती की कि आपने हमारे प्राणों की रक्षा कर ली, लेकिन अब हम अकेले कहां जायेंगे. इस पर भगवान श्री कृष्ण एक साथ 16000 रूपों में प्रकट हुए. और सभी कन्याओं से विवाह रचाकर सबका उद्धार किया. कथा में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, रमेश सिंह, ऐश्वर्य सेठ, अशोक यादव, ललित नारायण ओझा, संजय जायसवाल, सुनील सिंह, अमृतेश पाठक, वीरेंद्र प्रसाद, मनमोहन पांडेय, नीतू सिंह, गौरव जयसवाल, सौरभ जायसवाल, मनीष पंडित और मधुकर सिंह आदि उपस्थित थे.
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