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Jharkhand Assembly Session News : सीएम ने कहा- बड़ा जनादेश, तो जवाबदेही भी बड़ी, हर वादा करेंगे पूरा

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को सदन में कहा कि वर्ष 2019 में ही सरकार ने राज्य के सर्वांगीण विकास की नींव रख दी थी. अब बिल्डिंग खड़ी करनी है. 2019 से इस राज्य में परिवर्तन शुरू हुआ है. अब हर दिन विकास का एक नया अध्याय जुड़ेगा. अभी तो चलना शुरू किया हूं, तेजी से आगे बढ़ना है. श्री सोरेन गुरुवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर सरकार की ओर से अपनी बातें रख रहे थे.

रांची. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को सदन में कहा कि वर्ष 2019 में ही सरकार ने राज्य के सर्वांगीण विकास की नींव रख दी थी. अब बिल्डिंग खड़ी करनी है. 2019 से इस राज्य में परिवर्तन शुरू हुआ है. अब हर दिन विकास का एक नया अध्याय जुड़ेगा. अभी तो चलना शुरू किया हूं, तेजी से आगे बढ़ना है. श्री सोरेन गुरुवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर सरकार की ओर से अपनी बातें रख रहे थे.

सत्ता पक्ष ने गिनायीं सरकार की उपलब्धियां और प्राथमिकताएं

राज्यपाल के अभिभाषण पर सत्ता पक्ष की ओर से लाये गये धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में सत्ता पक्ष ने अपनी पिछली सरकार की उपलब्धियां और वर्तमान सरकार की प्राथमिकताएं गिनायीं. सरकार के संकल्प बताये, तो विपक्ष ने कहा कि सरकार चुनावी वादे को भूल रही है. हम अंकगणित में पिछड़ गये हैं, लेकिन वाश आउट नहीं हुए हैं. इधर, मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जमीनी स्तर पर काम होगा. यह सरकार प्रोजेक्ट बिल्डिंग से नहीं गांव से चलनेवाली सरकार होगी. जमीनी स्तर के विषयों पर सरकार काम करेगी. शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के क्षेत्र में बड़ा अवसर मिलने जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा : मैं बोलने में नहीं, काम करने में विश्वास करता हूं. लंबी लकीर खींच दूंगा. विपक्ष परस्पर सहयोग करे. मुख्यमंत्री ने कहा : यहां बुजुर्ग विधायक सीपी सिंह बैठे हैं. रांची को गिरते-उठते देखे हैं. हमने राजधानी में फ्लाई ओवर बनवाया. कई पर काम चल रहा है.

सामंती सोचवाले कहते थे कि क्या आदिवासी-मांझी अलग राज्य ले पायेगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड देश का सबसे पिछड़ा राज्य है. यहां रहनेवाले आदिवासी, दलित, पिछड़ा, अल्पसंख्यक गरीब हैं. यहां टाटा स्टील, एचइसी, सिंदरी खाद कारखाना खुला. यह समझ के परे है कि झारखंड को कौन सा अभिशाप मिला कि यहां के लोग भूमिहीन, विस्थापित, बेरोजगार होने लगे. सीएम ने कहा कि जब हम अलग राज्य की मांग कर रहे थे, तो सामंती सोचवाले कहते थे कि क्या आदिवासी-मांझी अलग राज्य ले पायेगा. लंबी लड़ाई के बाद वर्ष 2000 में हमें अलग राज्य मिला. कोई हक-अधिकार दरवाजे पर लाकर नहीं देता है, संघर्ष करना पड़ा है. कितने बच्चे अनाथ हुए, महिलाएं अनाथ हुईं. 2019 तक इस राज्य को कुछ नहीं मिला. राज्य को दलदल में ढकेला गया. किसानों को आत्महत्या करते, भूख से मरते लोगों को मैंने दिखा. 2019 में महागठबंधन की सरकार बनी, तो सत्ता से बेदखल करने के लिए हर हथकंडे अपनाये गये. पहले लोग डरे-सहमे रहते थे. 2019 में सरकार बनी, तो प्रोजेक्ट भवन से लेकर विधानसभा में ढोल-नगाड़े बजे, अबीर उड़ाये गये. लोगों के चेहरे पर मुस्कान और उत्साह को हमने देखा. श्री सोरेन ने कहा कि दुबारा जनता ने अवसर दिया है, इस राज्य को मुकाम तक पहुंचायेंगे.

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Prabhat Khabar News Desk
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