रांची (संवाददाता). संविधान निर्माण सभा के सदस्य रहे स्व बोनीफास लकड़ा की जयंती मंगलवार को सत्यभारती सभागार में मनायी गयी. मौके पर बोनीफास लकड़ा के पुत्र अजय लकड़ा, बहू अमिता लकड़ा और परिवार के अन्य सदस्यों को रांची प्रोविंस सोशल एंड ह्यूमन राइट्स कमीशन, वर्किंग पीपुल्स एलायंस (डब्ल्यूपीए) एवं सामाजिक संगठन एलएलएम द्वारा सम्मानित किया गया. उपस्थित लोगों ने श्रद्धांजलि स्वरूप बोनीफास लकड़ा को श्रद्धासुमन अर्पित किया. स्व बोनीफास लकड़ा के पुत्र अजय लकड़ा ने कहा कि पिताजी के योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है. अजय लकड़ा ने कहा कि झारखंड से जयपाल सिंह मुंडा, देवेंद्र नाथ सामंता जैसे लोगों के योगदान को आम जन तक पहुंचाया जाना चाहिए. पिताजी (बोनीफास लकड़ा) हमेशा आदिवासियों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में काम करते रहे. सामाजिक कार्यकर्ता रतन तिर्की ने कहा कि देशभर के आदिवासियों के लिए बनायी गयी पांचवीं अनुसूची क्षेत्र इन्हीं महापुरुषों की देन है. रतन तिर्की ने कहा कि आज हम आदिवासी और झारखंडी अपने ही राज्य में गुलाम बने पड़े हैं. पांचवीं अनुसूची क्षेत्र के लिए बनाये गये कानून के बावजूद हमारी उपेक्षा हो रही है. इसलिए पहचान और वजूद बचाये रखने के लिए संघर्ष जारी रखना होगा. अधिवक्ता और वर्किंग पीपुल्स एलायंस के संयोजक महेंद्र पीटर तिग्गा ने कहा कि स्व बोनीफास की सोच थी कि गांव-गांव में पारंपरिक अगुओं द्वारा संचालित रुढ़ि व्यवस्था और स्वशासन को मजबूती प्रदान करना. इसके बिना आदिवासियों का विकास संभव नहीं है. दार्जिलिंग से आये फादर पास्कल खलखो ने पश्चिम बंगाल में आदिवासियों के जमीन बचाओ आंदोलन की जानकारी दी. इस अवसर पर जोय बाखला, तारामणि साहू, अनिमा बाघवार, मनीषा एक्का, अधिवक्ता विनीत बोरिश एक्का, अधिवक्ता अनुप्रिया बालमुचू, अधिवक्ता ज्योति तिर्की सहित अन्य लोग उपस्थित थे.
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