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फाइलेरिया खत्म करने के लिए झारखंड में घर-घर जाकर दी जा रही हैं दवाएं, दवा खाने के बाद दिख सकते हैं ये इफेक्ट

झारखंड में फाइलेरिया खत्म करने के लिए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन यानि सर्वजन दवा सेवन अभियान चलाया जा रहा है. आज से घर-घर जाकर लोगों को दवा दी जा रही है. डॉ सोरेन ने बताया फाइलेरिया रोधी दवा पूरी तरह सुरक्षित है. इसके सेवन से अगर किसी को परेशानी होती है तो वह सामान्य है.

Mass Drug Administration: झारखंड के 9 जिलों में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन यानि सर्वजन दवा सेवन अभियान चलाया जा रहा है. आज, 16 अगस्त से घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कराया जा रहा है. यह अभियान 25 जुलाई तक चलेगा. बता दें कि अभियान की शुरुआत 10 अगस्त को हुई थी. इसके तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम 14 अगस्त तक बूथ पर दवा दी गई. आज से घर-घर जाकर दवा का सेवन कराया जा रहा है.

इन लोगों को नहीं दी जाएंगी दवाएं

घर-घर जाकर दवा देने के साथ-साथ फाइलेरिया बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है. राज्य के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा है कि सभी 9 जिलों में से हजारीबाग और पश्चिमी सिंहभूम जिलों में 2 दवाओं डीईसी और अल्बेंडाजोल एवं अन्य 7 जिलों में 3 दवाओं डीईसी, अल्बेंडाजोल के साथ आईवरमेंक्टिन की निर्धारित खुराक दवा प्रशासकों द्वारा बूथ और घर-घर जाकर अपने सामने मुफ्त में खिलाई जाएगी. उन्होंने बताया कि ये दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं. ये दवाएं 2 साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को नहीं दी जाएंगी. याद रहे कि ये दवाएं खाली पेट नहीं खानी हैं. रैपिड रिस्पांस टीम दवा के सेवन के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक दवाओं के साथ मौके पर सक्रिय रहेगी.

मच्छर के काटने से फैलता है फाइलेरिया

राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, वैक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम, डॉ. बीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि फाइलेरिया मच्छर के काटने से फैलता है और यह दुनिया भर में दीर्घकालिक विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है. किसी भी आयु वर्ग में होने वाला यह संक्रमण लिम्फैटिक सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है और अगर इससे बचाव न किया जाए तो इससे शारीरिक अंगों में असामान्य सूजन होती है. फाइलेरिया के कारण चिरकालिक रोग जैसे हाइड्रोसील (अंडकोष की थैली में सूजन), लिम्फेडेमा (अंगों की सूजन) व काइलुरिया (दूधिया सफेद पेशाब) से ग्रसित लोगों को अक्सर सामाजिक बहिष्कार का बोझ सहना पड़ता है, जिससे उनकी आजीविका व काम करने की क्षमता भी प्रभावित होती है.

दवा खाने के बाद दिख सकते हैं ये प्रभाव

दुमका के डॉ सोरेन ने बताया फाइलेरिया रोधी दवा पूरी तरह सुरक्षित है. इसके सेवन से किसी को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है. अगर किसी को परेशानी होती है तो वह सामान्य है. उन्होंने बताया कि दवा खाने के बाद कुछ व्यक्तियों को मामूली प्रतिकूल प्रभाव जैसे हल्के बुखार, सर दर्द, उलटी या बदन पर हल्के चकत्ते हो सकते है जो सामान्य हैं. इस स्थिति से निपटने के लिए जिला एवं प्रखंडस्तर पर रैपिड रिस्पांस टीम का गठन भी किया गया है. जो विशेष परिस्थिति में तैनात रहेंगे.

झारखंड में फाइलेरिया के आंकड़ें

झारखंड में अप्रैल 2023 के आंकड़ों के अनुसार लिम्फेडेमा के 54172 मरीज और हाइड्रोसील के 40561 मरीज चिन्हित किए गए हैं. इस कार्यक्रम की निगरानी के लिए पर्यवेक्षकों को भी लगाया गया है, और किसी भी विषम परिस्थितियों से निपटने के लिए डॉक्टर के नेतृत्व में जिला एवं ब्लॉक स्तर पर रेपिड रेस्पान्स टीमों का भी गठन किया गया है.

झारखंड के इन 9 जिलों में चलाया जा रहा है अभियान

इस अभियान की शुरुआत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने वर्चुअल माध्यम से 10 अगस्त को किया था. इस दौरान राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने झारखंड के 9 फाइलेरिया प्रभावित जिलों (चतरा , हजारीबाग, लातेहार, पलामू, सरायकेला, गोड्डा, दुमका, जामताड़ा और पश्चिमी सिंहभूम) में फाइलेरिया रोग के उन्मूलन के लिए शुरू होने वाले मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए/आईडीए) कार्यक्रम का शुभारम्भ किया.

जल्द होगा फाइलेरिया का उन्मूलन : बन्ना गुप्ता

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि राज्य जिस प्रकार कालाजार के उन्मूलन के अंतिम पड़ाव पर है उसी तरह झारखंड से फाइलेरिया का उन्मूलन भी शीघ्र होगा. उन्होंने बताया कि फाइलेरिया मुक्त झारखंड बनाने के लिए सामुदायिक सहभागिता के साथ ही अंतर-विभागीय समन्वय बनाकर कार्य किया जा रहा है. इस अभियान में लगभग 1 करोड़ 34 लाख लाभुकों को दवा प्रशासकों की ओर से नि:शुल्क फाइलेरिया रोधी दवाएं अपने सामने ही खिलाई जायेगी.

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Jaya Bharti
Jaya Bharti
This is Jaya Bharti, with more than two years of experience in journalistic field. Currently working as a content writer for Prabhat Khabar Digital in Ranchi but belongs to Dhanbad. She has basic knowledge of video editing and thumbnail designing. She also does voice over and anchoring. In short Jaya can do work as a multimedia producer.

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