रांची. सीजीएल परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक करने के नाम पर परीक्षा से पहले 28 परीक्षार्थियों को नेपाल के वीरगंज ले जाया गया था. इस काम के एवज में परीक्षार्थियों से गिरोह के सदस्यों ने लाखों रुपये की वसूली की थी. लेकिन छात्रों को प्रश्नपत्र नहीं दिये गये थे. सिर्फ प्रश्नपत्र लीक करने के नाम पर रुपये की वसूली हुई थी. इसकी जानकारी मामले की जांच के लिए गठित एसआइटी को केस की जांच में मिली है. वहां से लौटने के बाद सभी 28 परीक्षार्थी सीजीएल की परीक्षा में भी शामिल हुए थे. जिसमें आठ लोगों के सफल होने की जानकारी एसआइटी को मिली है.
आइआरबी का जवान की तलाश दुमका में भी छापेमारी
परीक्षा में सफल होनेवालों में एक आइआरबी का जवान भी शामिल है. इस जवान का नाम गिरोह के सदस्य के रूप में प्रश्नपत्र लीक कराने के नाम पर पर धन उगाही केस में भी सामने आ चुका है. जिस कारण आइआरबी के जवान की तलाश में एसआइटी ने छापेमारी शुरू कर दी है. शुक्रवार को जवान की तलाश में दुमका में भी एसआइटी ने छापेमारी की. एसआइटी के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार अभी तक की जांच में किसी आरोपी ने न ही प्रश्न पत्र लीक करने की बात को स्वीकार किया और न ही किसी के पास से छापेमारी या तलाशी के दौरान कोई प्रश्नपत्र बरामद हुआ है. लेकिन प्रश्न पत्र लीक करने के नाम पर धन उगाही से संबंधित साक्ष्य और परीक्षार्थियों के नाम पर पैसा लेने से संबंधित डिजिटल साक्ष्य मिले हैं. मामले में अन्य संदिग्ध आरोपियों की भूमिका पर जांच की जा रही है.
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