रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने बिहार के सजायाफ्ता पूर्व सीएम लालू प्रसाद सहित तीन अन्य की सजा बढ़ाने को लेकर दायर अपील याचिका पर सुनवाई की. मामला चारा घोटाला के देवघर कोषागार से अवैध निकासी से जुड़ा हुआ है. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय और जस्टिस अंबुज नाथ की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान अपीलकर्ता सीबीआइ का पक्ष सुना. इसके बाद खंडपीठ ने सीबीआइ की अपील याचिका सुनवाई की खातिर मंजूर कर ली. अब अपील पर आगे विस्तृत सुनवाई होगी.
अधिकतम सजा देने का आग्रह किया
सीबीआइ की ओर से अधिवक्ता दीपक कुमार भारती ने पक्ष रखा. उन्होंने खंडपीठ को बताया कि चारा घोटाला मामले में सह आरोपी रहे पूर्व लोक लेखा समिति के अध्यक्ष जगदीश शर्मा को पीसी एक्ट व आइपीसी की धाराओं के तहत सात-सात साल की सजा मिली थी. उन्हें 10-10 लाख रुपये का आर्थिक जुर्माना भी लगा था. लालू प्रसाद, आइएएस अधिकारी बेक जूलियस और देवघर के कोषागार पदाधिकारी सुबीर भट्टाचार्य को इस मामले में साढ़े तीन साल की सजा दी गयी है, लेकिन इन्हें मिली सजा काफी कम है. अधिवक्ता श्री भारती ने इन सजायाफ्ताओं को अधिकतम सजा देने का आग्रह किया. वहीं प्रतिवादी लालू प्रसाद और सुबीर भट्टाचार्य की ओर से अधिवक्ता देवर्षी मंडल ने पैरवी की, जबकि बेक जुलियस की ओर से अधिवक्ता राहुल कुमार ने पक्ष रखा.
लालू सहित अन्य छह को मिली थी सजा
प्रार्थी सीबीआइ ने क्रिमिनल अपील याचिका दायर की है. सीबीआइ ने पूर्व सीएम लालू प्रसाद सहित अन्य सजायाफ्ताओं की सजा बढ़ाने की मांग की है. सीबीआइ ने सजायाफ्ताओं को मामले में अधिकतम सजा देने की मांग की है. देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में सीबीआइ की विशेष अदालत द्वारा लालू प्रसाद, बेक जूलियस और सुबीर भट्टाचार्य सहित छह सजायाफ्ता को साढ़े तीन से छह साल की सजा सुनायी गयी थी. मामले से जुड़े अन्य सजायाफ्ता पूर्व सांसद आरके राणा और फूलचंद सिंह सहित तीन का निधन हो चुका है.
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