वरीय संवाददाता, रांची. बोकारो चास के तेतुलिया मौजा की 74.38 एकड़ जमीन के मामले में डीएफओ व आरसीसीएफ को न्याय प्रक्रिया में अवरोध पैदा करने के लिए झारखंड हाइकोर्ट ने अवमानना का दोषी करार दिया है. झारखंड सरकार की ओर से हाइकोर्ट के उक्त फैसले को सुप्रीम कोर्ट में अपील याचिका दायर कर चुनाैती दी गयी है. वहीं दूसरी तरफ उमायुष मल्टीकॉम ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर कर रखा है, ताकि उसको सुने बिना कोई फैसला नहीं दिया जाये. उल्लेखनीय है कि उमायुष मल्टीकॉम प्रालि की अवमानना याचिका पर सुनवाई के बाद झारखंड हाइकोर्ट ने वन विभाग के वन प्रमंडल पदाधिकारी (डीएफओ) व क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक (आरसीसीएफ) को दोषी करार दिया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के आलोक में सजा नहीं सुनायी थी. साथ ही दोषी करार दिये गये अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए आठ सप्ताह का समय दिया था. हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव की अध्यक्षतावाली खंडपीठ ने अवमानना मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 जुलाई की तिथि निर्धारित की है. प्रार्थी ने अवमानना याचिका दायर कर कार्रवाई करने की मांग की है. तेतुलिया की 74.38 एकड़ जमीन के मामले में हाइकोर्ट द्वारा दिये गये फैसले को लागू करने में वन विभाग के अधिकारी अवरोध पैदा कर रहे हैं.
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