वरीय संवाददाता, रांची. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने झारखंड के लोहरदगा जिला के बुलबुल जंगल से भारी मात्रा में बरामद हथियारों के मामले में दो नक्सली कमांडरों के खिलाफ जांच पूरी कर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी है. चार्जशीट किये गये आरोपियों में रंथु उरांव और नीरज सिंह खेरवार शामिल हैं, जो झारखंड के ही निवासी हैं. चार्जशीट आर्म्स एक्ट, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और यूएपी एक्ट के तहत दाखिल की गयी है. इससे पहले इसी मामले में 23 नक्सलियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की जा चुकी है. जानकारी के अनुसार स्थानीय पुलिस और सीआरपीएफ कर्मियों ने फरवरी 2022 में लोहरदगा के बुलबुल वन क्षेत्र में संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया था. यहां भाकपा (माओवादी) कैडर अपने शीर्ष कमांडर प्रशांत बोस की गिरफ्तारी का बदला लेने के लिए बॉक्साइट माइंस क्षेत्र में सुरक्षा बलों पर हमले की योजना बनाने के लिए एकत्र हुए थे. इस सभा का नेतृत्व नक्सली कमांडर रवींद्र गंझू ने किया था. उसके साथ बलराम उरांव, मुनेश्वर गंझू और 45-60 अन्य दस्ता के सदस्य शामिल थे. बहाबर जंगल के रास्ते में सुरक्षा बलों पर नक्सलियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की थी. इसके बाद पुलिस की ओर से भी जवाबी फायरिंग की गयी, जिससे नक्सली पीछे भागने को मजबूर हुए. इस दौरान सर्च अभियान में पुलिस ने हथियार और गोला-बारूद जब्त किया. झारखंड पुलिस ने शुरू में मामले में नौ लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. इसके बाद अगस्त 2023 और मई 2025 के बीच एनआइए ने 23 लोगों के खिलाफ पांच पूरक आरोप पत्र दायर किया था. पुलिस की चार्जशीट में शामिल आरोपियों का नाम भी था. एनआइए ने जांच के दौरान पाया कि साजिश का उद्देश्य देश की अखंडता, सुरक्षा, संप्रभुता को खतरे में डालना और सरकार को अस्थिर करने के उद्देश्य से आतंकवादी और हिंसक कृत्य करने के साथ- साथ सशस्त्र विद्रोह करना था.
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