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झारखंड में शुरू किया गया क्लाइमेट एशिया का कार्यक्रम, जमीनी स्तर के NGOs को मजबूत करना उद्देश्य

झारखंड में जमीनी स्तर के एनजीओ को मजबूत करने के लिए क्लाइमेट एशिया की सिविल सोसाइटी अकादमी द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में 11 भागीदार NGO के नेता जुटे, जहां संगठन क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए रणनीतियों को मजबूती देने के लिए एक मंच मिला.

9 से 11 अगस्त, 2023 तक, रांची, झारखंड जमीनी स्तर के गैर सरकारी संगठनों (NGOs) को मजबूत करने के लिए डिजाइन की गई एक बदलावकारी कार्यशाला का केंद्र बन गया. क्लाइमेट एशिया की सिविल सोसाइटी अकादमी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में 11 भागीदार NGO के नेता जुटे, जहां संगठन क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए रणनीतियों को मजबूती देने के लिए एक मंच मिला. वर्कशॉप एक आइसब्रेकर सत्र के साथ शुरू हुई, जो खुले मन से चर्चाओं के लिए माहौल तैयार किया था. पहले दिन मानव पूंजी और उच्च प्रदर्शन वाली संगठनात्मक संस्कृति की जटिलताओं को उजागर किया गया. अर्थान के सह-संस्थापक राहुल बालाकृष्णन ने नवीन प्रतिभा अधिग्रहण रणनीतियों की वकालत करते हुए NGO भर्ती की बारीकियों को गहराई से समझाया. 

पर्यावरणविद् और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित जमुना टुडू की प्रेरक बातचीत एक असाधारण क्षण था, जिन्होंने वन संरक्षण की अपनी यात्रा और संघटित कार्रवाई की शक्ति को साझा किया. अपनी उल्लेखनीय यात्रा से प्रेरणा लेते हुए, उन्होंने कार्यों को प्रकृति की लय के साथ लय मिलाने के महत्व पर जोर दिया.

पर्यावरणविद् और  पद्मश्री जमुना टुडू संघटित कार्रवाई की शक्ति को साझा करते हुए 

अगला दिन तकनीकी अंतर्दृष्टि और सहयोग के मिश्रण से चिह्नित किया गया. दिन की शुरुआत एक आकर्षक जीवन मानचित्र सत्र के साथ हुई, जिसका नेतृत्व रायशा गालिब, एवीपी-क्षमता निर्माण, अर्थन ने किया, जो संगठनों को अपनी स्थापना की कहानियों को साझा करने के लिए माहौल प्रदान की. दिन के कार्यक्रम में बदलाव करते हुए, Tech4Good के सह-संस्थापक शेमीर बाबू ने NGOs में तकनीकी प्रतिभा की कमी को संबोधित किया, डेटा प्रबंधन के लिए तरीके बताएं और सामुदायिक जुड़ाव के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के मूल सिद्धांतों का भी एक झलक प्रस्तुत की, जिसमें इसकी NGO के लिए क्षमता को उजागर किया गया.

तीसरे दिन क्लाइमेट एशिया के एवीपी कौशिक यनमंद्रम ने IPCC, COP, और UNFCCC जैसी जलवायु अवधारणाओं को स्पष्ट किया. सत्र ने जोखिम, संवेदनशीलता और अनुकूली क्षमता को कवर करते हुए क्लाइमेट वल्नरेबिलिटी (जलवायु भेद्यता) मूल्यांकन को समझने के महत्व पर बल दिया. वर्कशॉप ने संगठनात्मक संरचना, नेतृत्व, और डेटा की महत्वपूर्णता को स्पर्श किया. इसका समापन NGOs द्वारा अपनी चुनौतियों पर प्रकाश डालने और समायोजित योजनाओं को तैयार करने, सहयोग और टिकाऊ कार्यप्रणाली पर जोर देने के साथ हुआ.

क्लाइमेट एशिया की सिविल सोसायटी एकेडमी प्रोग्राम के बारे में

भारत में नागरिक समाज के सामने आने वाली अलग तरह के चुनौतियों समाधान करते हुए, एकेडमी प्रभाव क्षेत्र में संगठनात्मक असर पर जोर देती है.

क्लाइमेट एशिया के बारे में

क्लाइमेट इकोसिस्टम में एक महत्वपूर्ण आधार, क्लाइमेट एशिया फोकस करता है, एशिया में प्रतिभा सक्षम करने, क्षमता निर्माण और स्थिरता और विचार नेतृत्व को बढ़ावा देने पर.

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Jaya Bharti
Jaya Bharti
This is Jaya Bharti, with more than two years of experience in journalistic field. Currently working as a content writer for Prabhat Khabar Digital in Ranchi but belongs to Dhanbad. She has basic knowledge of video editing and thumbnail designing. She also does voice over and anchoring. In short Jaya can do work as a multimedia producer.

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