बेड़ो. अंचल के मौजा बेड़ो में 1.05 एकड़ गैरमजरुआ आम भूमि, जो खतियान में सरना के रूप में दर्ज है, को लेकर हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर फैलायी जा रही भ्रामक सूचनाओं को लेकर सीओ सह एसडीएम प्रताप मिंज ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की है. जहां उन्होंने ने पूर्व मंत्री देवकुमार धान द्वारा दिये गये उस बयान का खंडन किया है. जिसमें उन्होंने कहा था कि बेड़ो सरना, हिंदू सरना विवाद नहीं, बल्कि कांग्रेस-झामुमो की साजिश है. इधर अंचलाधिकारी द्वारा प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि पूर्व मंत्री द्वारा अंचलाधिकारी को ईसाई धर्म का बता कर समाज को गुमराह करने का प्रयास किया गया है, जो पूर्णतः तथ्यहीन है. उन्होने बताया कि सरना समाज की चुमानी देवी द्वारा 28 नवंबर 2023 को सीमांकन वाद संख्या 79/2023-24 के तहत आवेदन दिया गया था, जिसके आधार पर 09 जनवरी 2024 को सीमांकन की कार्रवाई की गयी. इस कार्यवाही में सभी संबंधित ग्रामीणों चुमानी देवी, बुधवा पहान, जगरनाथ भगत, अनिल उरांव, मुखिया सुशांति भगत आदि ने हस्ताक्षर कर सहमति दी थी. इसके बाद 6 जून 2025 को पुनः सीमांकन कराया गया, जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि सरना की भूमि पर किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं है. बल्कि 0.04 एकड़ घेराबंदी सरकारी भूमि पर पायी गयी. अधिकारी ने बताया कि महादानी मैदान को लेकर पहले कभी कोई धार्मिक विवाद नहीं रहा है और सभी धर्मों के लोग इसका सामूहिक उपयोग करते आये हैं. अंचलाधिकारी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह भी कहा है कि अंचल प्रशासन द्वारा विवाद के समाधान के लिए प्रयासरत रहते हुए महादानी मैदान के समीप ही वैकल्पिक सरकारी भूमि आवंटित करने की पहल की गयी है.
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