रांची. ट्राइबल को-ऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ट्राइफेड) ने लघु वनोपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारण के लिए माइनर फॉरेस्ट प्रोड्यूस प्राइसिंग सेल (एमएफपीपीसी) का गठन किया है. इसकी जानकारी राज्य के सिद्धकोफेड सचिव राकेश कुमार सिंह को दी गयी है. राज्य की कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की द्वारा लघु वनोपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी का आग्रह 19 जुलाई को केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम से किया गया था. पत्र में उन्होंने लिखा था कि साल 2020 से लघु वनोपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारण नहीं होने से वनोपज पर आश्रित जनजातीय समुदाय को आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ रहा है.
कुछ टास्क भी निर्धारित किये गये हैं
ट्राइफेड द्वारा लघु वनोपज मूल्य निर्धारण सेल को कुछ टास्क भी निर्धारित किये गये हैं. इनमें उल्लेख किया गया है कि 28 राज्यों में वनोपज के संग्रहण, साफ-सफाई, प्राथमिक प्रसंस्करण, पैकेजिंग और परिवहन की लागत मूल्य का आकलन किया जायेगा. संग्रहण में लगने वाले लागत की समीक्षा की जायेगी. वही मूल्य निर्धारण सेल अलग-अलग राज्यों की नोडल एजेंसी से समन्वय स्थापित कर उनका इनपुट प्राप्त करेगी. इसके बाद ट्राइफेड को भेजे गये अनुशंसा के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण होगा. मूल्य निर्धारण सेल लघु वनोपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य की अनुशंसा जनजातीय कार्य मंत्रालय को भेजेगा. यह सेल इस क्रम में लघु वनोपज के व्यापारियों, गैर सरकारी संस्थाओं, आदिवासी कल्याण से जुड़े लोगों,खासकर आदिवासी नेताओं से इस संदर्भ में विचार-विमर्श करेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है