रांची (वरीय संवाददाता). राजीव गांधी पंचायती राज संगठन राज्य में पर्यावरण संरक्षण और पंचायतों को अधिकार देने को लेकर अभियान चलायेगा. 19 से 21 मार्च तक संगठन द्वारा पंचायती राज और पेसा कानून लागू करने के लिए राज्य भर स्वराज यात्रा निकाली जायेगी. पंचायती राज संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुमित शर्मा और प्रवक्ता संतनू मिश्रा ने पत्रकारों को बताया कि राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के द्वारा झारखंड में घट रहे वन, नदियों का जलस्तर पंचायती राज अधिनियम को पूर्ण रूप से लागू करने की मांग को लेकर अभियान चलाने का निर्णय लिया है. पहाड़, पानी और वन संरक्षण को बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जायेगा. प्रदेश अध्यक्ष श्री शर्मा ने कहा कि नगर निकाय चुनावों में पूर्व के भाजपा सरकार में तय किये गये उम्र और तीन बच्चों के प्रावधान को बदलने की मांग होगी. भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू से बापू वाटिका मोरहाबादी तक चार दिवसीय स्वराज पदयात्रा और जन-जागरण किया जायेगा. नेताओं ने कहा कि वन विभाग के आंकड़ों में झारखंड के कुल क्षेत्रफल का 29 प्रतिशत वन क्षेत्र दिखाया गया है. जबकि वास्तविकता यह है कि लगभग 20 प्रतिशत भूमि पर जंगल ही बचे हैं. शेष जमीन बंजर है. झारखंड में वन घट रहे हैं और इसका सीधा असर इस राज्य में रहने वाले आदिवासी और मूलवासी के जीवन पर पड़ रहा है. प्रदेश प्रवक्ता श्री मिश्रा ने कहा कि वन अधिकार अधिनियम 2006 आम नागरिकों को अधिकार देता है कि वह अपना जीवन यापन अपने क्षेत्र के वन से पूरा करेंगे. जंगल पर निर्भर करने वाले लोगों के जीवन यापन का संकट है. स्वराज यात्रा का उद्देश्य नगर निकाय और पंचायत की स्वायत्तता बचाना है. नगर निकाय चुनाव के विसंगतियों को दूर करना इस अभियान का हिस्सा होगा. पूर्ववर्ती रघुवर सरकार ने चुनाव में कई अलोकतांत्रिक प्रावधान लागू किया था, उसे समाप्त कराया जायेगा. स्वराज यात्रा के बाद संगठन की ओर से एक मांग पत्र राज्यपाल को भेजा जायेगा.
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