26.3 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

हम दो हमारे दो की नीति पर भारत सरकार काम कर रही है : रमेंद्र कुमार

सोमवार को एनके, पिपरवार, मगध-संघमित्रा, आम्रपाली-चंद्रगुप्त और रजाहरा एरिया के मजदूर नेताओं का कन्वेंशन आयोजित

डकरा. हम दो यानी नरेन्द्र मोदी-अमित शाह एवं हमारे दो यानी अडानी-अंबानी की नीति पर भारत सरकार काम कर रही है. चार श्रम कोड चारों मिल कर लाये हैं, ताकि दो की पूंजी बढ़े और दो उस पूंजी का इस्तेमाल कर सरकार को ताकत से चला सकें. ये बातें एटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेंद्र कुमार ने कही. वे सोमवार को एनके, पिपरवार, मगध-संघमित्रा, आम्रपाली-चंद्रगुप्त और रजाहरा एरिया के मजदूर नेताओं द्वारा आयोजित कन्वेंशन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे. कहा कि इस गठजोड़ का विरोध करने की हिम्मत बीएमएस के लोगों में नहीं है, इसलिए वे लोग भ्रम फैला रहे हैं. नौ जुलाई को आहूत राष्ट्रव्यापी हड़ताल कोल इंडिया को बचाने के लिए है. कोयला मजदूरों को यह समझना होगा, नहीं समझे तो नया कानून कोयलाकर्मियों को भिखारी बना देगा. जेबीसीसीआई सदस्य राघवन रघुनंदन ने कहा कि नया कानून लागू हो गया तो मजदूरों का अस्तित्व समाप्त हो जायेगा, जिसके बाद ट्रेड यूनियन स्वत: मृत हो जायेगा. आरपी सिंह ने कहा कि हड़ताल का अधिकार छीन लेने की नीति बनायी गयी है. इसके बाद शोषण और अन्याय सहने के अलावा कुछ नहीं बचेगा. कमलेश कुमार सिंह ने कहा कि कोयला क्षेत्र के युवा नेतृत्व को समझना होगा कि उनके पूर्वजों ने संघर्ष कर जो हक अधिकार उन्हें दिया है वह संभालकर आगे ले जायेंगे या लुटते देखेंगे. जयनाथ महतो ने कहा कि राज्य में जब-तक हेमंत सोरेन की सरकार है, तब तक केंद्र सरकार को इस राज्य में कामयाब नहीं होने देगी. नीरज भोक्ता ने कहा कि रैयत-विस्थापित परिवार को एकजुट होकर हड़ताल को सफल बनाना होगा, नहीं तो आने वाले समय में उनकी जमीन जबरन लूट ली जायेगी. कन्वेंशन को पांचो एरिया के नेता भीम सिंह यादव, रंथु उरांव, इकबाल हुसैन, रंजीत पांडेय, रामलखन गंझू, अजय सिंह, चंद्रेश्वर सिंह, देवपाल मुंडा, रवीन्द्र नाथ सिंह, ललन प्रसाद सिंह ने भी संबोधित किया. संचालन गोल्टेन प्रसाद यादव व धन्यवाद ज्ञापन प्रेम कुमार ने किया. इस अवसर पर नंदू मेहता, डीपी सिंह, इस्लाम अंसारी, अरविंद शर्मा, धीरज सिंह, शैलेश कुमार, कृष्णा चौहान, राजेन्द्र चौहान,ध्वजाराम धोबी सहित बड़ी संख्या में पांचों एरिया के मजदूर नेता मौजूद थे.

नौकरी-पेशा वाले नेताओं के कंधे पर है आंदोलन का प्रभाव

नौ जुलाई को आहूत राष्ट्रव्यापी हड़ताल को प्रभावी बनाने का जिम्मा नौकरी-पेशा नेताओं के कंधों पर टिका है. जो नेता हड़ताल पर जायेंगे उनकी हाजिरी कटेगी. कोयला क्षेत्र में अधिकांश बड़े नेता नौकरी-पेशा नहीं हैं वे हड़ताल पर बड़ी-बड़ी बातें कह रहे हैं, लेकिन जो नौकरी में हैं, वे संभल कर अपनी बातों को कह रहे हैं वैसे रैयत-विस्थापित और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का साथ हड़ताल को प्रभावी बना सकता है. कन्वेंशन में आये बड़े नेताओं ने हर तरीके से सभी वर्ग के मजदूरों को समझाया कि हड़ताल कितना जरूरी है. इसका कितना असर मजदूरों पर पड़ा है. यह नौ जुलाई को ही सामने आयेगा. वैसे वेतन और बोनस को छोड़ कर अन्य किसी मुद्दे पर आम कोयला कर्मी को हड़ताल से मतलब नहीं रहता है.

हड़ताल को लेकर मजदूर नेताओं के कन्वेंशन में बोले एटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar News Desk
Prabhat Khabar News Desk
यह प्रभात खबर का न्यूज डेस्क है। इसमें बिहार-झारखंड-ओडिशा-दिल्‍ली समेत प्रभात खबर के विशाल ग्राउंड नेटवर्क के रिपोर्ट्स के जरिए भेजी खबरों का प्रकाशन होता है।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel