रांची (वरीय संवाददाता). झारखंड को पूंजीपतियों की चारागाह नहीं बनने दिया जायेगा. पार्टी जनाधार बढ़ाने के साथ ही जल, जंगल-जमीन की हिफाजत के लिए चरणबद्ध आंदोलनों को पहले के मुकाबले तेज करेगी. उक्त बातें भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी महासचिव डी राजा ने कहीं. वह पार्टी राज्य कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. डी राजा ने कहा कि कॉर्पोरेट घराने को चारागाह बनाने के लिए झारखंड में बड़े-बड़े पूंजीपतियों को भेजा जा रहा है, जबकि झारखंड सरकार खनिज संपदाओं की लूट रोकने में विफल है. राष्ट्रीय राजनीति के संदर्भ में कहा कि भारत के संसदीय लोकतंत्र पर खतरे बढ़ रहे हैं. केंद्र की मोदी सरकार में संविधान और संसदीय लोकतंत्र की व्यवस्था, सांस्कृतिक विविधता व आम नागरिक का अस्तित्व खतरे में है. डी राजा ने कहा कि केंद्र सरकार अपने कॉरपोरेट समर्थकों के माध्यम से जनता के संसाधनों पर कब्जा कर रही है, जिसे रोकना होगा. इसके लिए जनगोलबंदी कर एक मजबूत लोकतंत्र वाले भारत का पुर्ननिर्माण करना है. 23 मार्च से लेकर 14 अप्रैल तक लगातार जन अभियान चलाया जायेगा. उन्होंने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए हेमंत सरकार को जनता से घोषणा पत्र में किये वादों को पूरा करने को कहा. मौके पर एटक के राज्य सचिव अशोक यादव के साथ काम करने वाले 45 मजदूरों सहित पूर्व आइएएस डॉ रणेंद्र ने पार्टी की सदस्यता ली. प्रेसवार्ता में राज्य सचिव महेंद्र पाठक, डाॅ रणेंद्र कुमार, अजय कुमार सिंह, इम्तियाज खान, जैनेंद्र कुमार भंते, गणेश कुमार सिंह, संतोष रजक मौजूद थे.
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