प्रतिनिधि, खलारी.
अचानक वर्षा के बाद अधिक गर्मी और उसके बाद पुनः बारिश होने से फसलों में कीड़ों का प्रकोप बढ़ गया है. जिससे किसान कीटनाशकों का अधिक प्रयोग करने लगे हैं. जिसका परिणाम हुआ कि फसल उत्पादन की लागत बढ़ने से किसानों की आमदनी घट गयी है. ऐसे में खलारी प्रखंड के किसान चिंतित हैं. वहीं इन दिनों फसलों पर फंगस, टिड्डा सहित अन्य विषाणु का जन्म बढ़ने से कीटनाशक के अधिक प्रयोग से सब्जियों व फलों से स्वास्थ्य पर भी दुष्परिणाम हो सकते हैं. जानकारों की माने तो कीटनाशकों के अधिक प्रयोग से मिट्टी की गुणवत्ता खराब हो सकती है. जल स्रोतों में प्रदूषण फैल सकता है. कीटनाशकों के अवशेष सब्जियों व फलों में रह सकते हैं, जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक के साथ फसलों में विषाक्तता बढ़ सकती है. फंगस के कारण फसलों में रोग बढ़ जाता है. जिससे फसल की गुणवत्ता खराब होती है. जबकि टिड्डा फसलों को भारी नुकसान पहुंचाता है. जिससे फसल की उत्पादकता में भारी कमी आती है. इस संबंध में खलारी प्रखंड अंतर्गत बमने पंचायत ग्राम बमने के किसान कृष्णा कुमार महतो, खलारी पंचायत ग्राम बलथरवा के छोटू पाहान, तुमांग पंचायत ग्राम करकट्टा के किशुन मुंडा ने बताया कि मौसम में अचानक हो रहे बदलाव से फसलों पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि पिछले दिनों लगातार बारिश हुई, उसके बाद अचानक तेज गर्मी और फिर से बारिश हुई. जिसके कारण फंगस, टिड्डा जैसी कीड़ा ने फसलों को अपने गिरफ्त में ले लिया.एकीकृत कीट प्रबंधन तकनीक अपनायें किसान :
प्रभारी प्रखंड कृषि पदाधिकारी आदित्य नाथ झा ने बताया कि किसानों को एकीकृत कीट प्रबंधन (आईपीएम) तकनीकों एवं जैविक नियंत्रण तरीकों का उपयोग करना चाहिए. इससे कीटों को नियंत्रित किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि फसल चक्र अपनाकर भी कीटों व रोगों के प्रभाव को कम कर किसान अपनी फसलों को स्वस्थ रख सकते हैं. साथ ही अपनी आमदनी में सुधार कर सकते हैं.मौसम में हो रहे बदलाब से फसलों में बढ़ा कीड़ों का प्रकोप
26 खलारी 03: खलारी के बमने में लगा सब्जी फसल.B
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