रांची (वरीय संवाददाता). झामुमो ने केंद्र सरकार द्वारा जातीय जनगणना कराने के फैसले का स्वागत किया है. झामुमो महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि यह विपक्ष की नैतिक जीत है. विपक्ष ने जातीय जनगणना को लेकर लगातार संघर्ष किया. इसके साथ ही जिन राज्यों में विपक्ष की सरकार है, वहां इसे लागू किया गया है.
श्री भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा इसका विरोध करती थी. देर से ही सही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जन दबाव में अच्छा फैसला लिया है. यह 10 साल पहले ही हो जाना चाहिए था. श्री भट्टाचार्य ने कहा है कि केंद्र सरकार ने अभी आधा अधूरा फैसला लिया है. पूरे देश आदिम जनजातियों की अपना आदिम धर्म है. झारखंड से विधानसभा ने सरना धर्म कोड का प्रस्ताव पास कर भेजा है. केंद्र सरकार को सरना धर्म कोड की मान्यता देनी चाहिए.जातीय जनगणना के बाद ही परिसीमन हो : सुप्रियो भट्टाचार्य
उन्होंने कहा कि केवल झारखंड ही नहीं, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, ओड़िशा, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में आदिम जनजाति के लोग रहते हैं. इनको अपनी धार्मिक पहचान दिया जाना चाहिए. झामुमो प्रवक्ता ने कहा कि जनगणना के बाद ही परिसीमन होना चाहिए. जातीय जनगणना से कई चीजें स्पष्ट होंगी. इससे अब आरक्षण का सीमा भी तय होगा. आरक्षण को 50 प्रतिशत की सीमा में बांध कर नहीं रख सकते हैं. झारखंड सरकार ने भी केंद्र को आरक्षण की सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा है. राज्य सरकार यहां के लोगों को उनका हक देना चाहती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है