रांची (संवाददाता). झारखंड अलग राज्य के चिन्हित आंदोलनकारी कल्याण समिति, झारखंड आंदोलनकारी महासभा तथा आंदोलनकारियों के अन्य संगठनों की बैठक बुधवार को विधायक मथुरा प्रसाद महतो के आवासीय परिसर में हुई. बैठक की अध्यक्षता राजू महतो ने की.
बैठक में राजू महतो ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों के मामले को लंबित रखना झारखंड सरकार के लिए उचित नहीं है. मुख्यमंत्री को झारखंड आंदोलनकारियों से वार्ता करनी चाहिए. साथ ही आंदोलनकारियों के लिए बनी नियमावली में संशोधन कर जेल जाने की बाध्यता समाप्त की जाये. श्री महतो ने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को लिखे पत्र के अनुरूप गुरुजी मॉडल लागू हो. उन्होंने कहा कि जल्द ही झारखंड आंदोलनकारियों के हितों की लड़ाई को तेज करने के लिए सभी आंदोलनकारी संगठनों की बैठक होगी और एक समन्वय समिति का गठन किया जायेगा.बैठक में झारखंड अलग राज्य चिन्हित आंदोलनकारी कल्याण समिति के केंद्रीय अध्यक्ष रमेश कुमार साहू ने कहा कि जुलाई में चिन्हितीकरण आयोग का कार्यकाल समाप्त हो जायेगा. फिर आंदोलनकारी अपनी समस्याओं के समाधान के लिए आखिर कहां जायेंगे. ऐसी स्थिति के मद्देनजर सरकार को चाहिए कि झारखंड आंदोलनकारियों को गृह विभाग के जरिये डिजिटल पहचान पत्र निर्गत किया जाये. साथ ही आंदोलनकारियों की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार आंदोलनकारी कल्याण बोर्ड का गठन करे. बैठक में कयूम खान, महावीर विश्वकर्मा, शिवशंकर शर्मा, मोतीलाल महतो, रवि सहाय (रामगढ़), केन्द्रीय संयोजिका विनिता खलखो, एरेन कच्छप सहित अन्य उपस्थित थे.
आलोक, राजेश व किशोर झारखंड आंदोलनकारी
रांची. कांग्रेस नेता आलोक कुमार दूबे, राजेश कुमार गुप्ता और लाल चंद्र किशोर नाथ शाहदेव को झारखंड आंदोलनकारी का दर्जा प्रदान किया गया है. झारखंड आंदोलनकारी चिह्नितीकरण आयोग ने इनका नाम 73वीं औपबंधिक सूची में शामिल किया है. श्री दूबे ने कहा कि यह केवल एक औपचारिक मान्यता नहीं, बल्कि ऐतिहासिक संघर्ष का सम्मान है. कहा कि झारखंड के सपने को साकार करने के लिए सड़कों पर आंदोलन किया. कई बार लाठियां खायीं. गिरफ्तारी झेली, लेकिन हौसला नहीं टूटा.
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