डायवर्सन ही लोगों के आवागमन का सहारा
18 महीने का काम सात साल में नहीं हुआ पूरा
प्रतिनिधि, पिपरवार
बहेरा-कल्याणपुर निर्माणाधीन सड़क पर पुल निर्माण हो जाने के बावजूद आम लोगों को राहत नहीं मिली है. संवेदक की सुस्ती की वजह से पुल का संपर्क पथ का निर्माण नहीं किया गया. लोग डायवर्सन के सहारे आवागमन करने को विवश हैं. कोयलांचल में पिछले दो दिन हुई बारिश ने डायवर्सन से आवागमन को और भी जोखिम भरा बना दिया है. जानकारी के अनुसार मात्र डेढ़ किमी सड़क बनाने में संवेदक को सात वर्ष लग गये. इसके बावजूद अब भी सड़क पूरी तरह बनी नहीं है. पुल से दोनों ओर 100-100 मीटर मिट्टी भर कर संपर्क पथ बनाने का कार्य बचा है. इससे बहेरा-कल्याणपुर में रहने वाले लोगों का संवेदक और जिला पीडब्लयुयूडी विभाग के प्रति काफी रोष है. जानकारी के अनुसार वर्ष 2018 में रांची की एपीएम कंस्ट्रक्शन को डेढ़ किमी सड़क बनाने का ठेका मिला था. 18 महीनों में पूरा कर लिया जाना था. पर, संवेदक की सुस्ती की वजह से यह सड़क सात वर्षों में भी नहीं बन सकी. पूर्व सिमरिया विधायक किशुन दास की ओर से विधान सभा में संवेदक की कार्यशैली को लेकर प्रश्न भी किया गया. तब सरकार ने जांच के बाद विधायक की शिकायतों को सही पाते हुए संवेदक को चेतावनी के साथ छह महीने का टाइम एक्सटेंशन दिया गया. टाइम एक्सटेंशन भी कब का फेल हो चुका है. पर, सड़क अब भी अधूरी है. इसकी वजह जिला पीडब्लयूडी विभाग के अधिकारियों का उदासीन रवैया भी बड़ा जिम्मेवार है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है