रांची. झारखंड में डिजिटल लेन-देन की रफ्तार बढ़ चली है. हर साल ई-ट्रांजेक्शन करनेवाले तेजी से बढ़ रहे हैं. इसके माध्यम से अब कई प्रकार की सेवाओं का भुगतान किया जा रहा है. इस मामले में झारखंड टॉप टेन राज्यों की सूची में शुमार हो गया है. पांच साल पहले (2020-21) में जनवरी से लेकर दिसंबर माह तक करीब चार करोड़ ई-ट्रांजेक्शन हुए थे. अब यह बढ़कर बीते साल (एक जनवरी 2024 से एक जनवरी 2025 तक) करीब 94 करोड़ तक पहुंच गया है. दूसरी ओर इसके बाद भी यह झारखंड में कुल ट्रांजेक्शन का करीब 0.28% ही है. झारखंड ने बीते साल करीब 39 प्रकार की सेवाओं में ई-ट्रांजेक्शन किया था.
राज्य में 1000 पर 218 कर रहे ई-ट्रांजेक्शन
राज्य में 1000 पर 218 व्यक्ति के आसपास लोग ही ई-ट्रांजेक्शन का सहारा ले रहे हैं. केंद्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय के अनुसार कैटगरी-ए में सबसे अधिक 90% लोग ई-ट्रांजेक्शन करते हैं. इसमें सरकारी कार्यों के दौरान होनेवाले ट्रांजेक्शन शामिल हैं. सरकारी योजनाओं में एक साथ कई लोगों के खाते में राशि जाती है.
सरकारी कार्यों में 26,193 करोड़ का भुगतान
झारखंड में 2024 में डिजिटल भुगतान और ऑनलाइन लेन-देन में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई. सरकारी लेन-देन और यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआइ) के माध्यम से ज्यादा लेन-देन किया गया है. झारखंड सरकार के ई-ग्रास (ऑनलाइन सरकारी रसीद लेखा प्रणाली) पोर्टल के अनुसार वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य में कुल 26,193.86 करोड़ का ऑनलाइन लेन-देन हुआ. इसमें एसबीआइ से 12,087.58 करोड़, पीएनबी से 91.29 करोड़ तथा गवर्नमेंट बिजनेस सॉफ्टवेयर सोल्यूशन (जीबीएसएस) से 2941.97 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ है. करीब 2,334.89 करोड़ रुपये का भुगतान आरटीजीएस और एनइएफटी से हुआ है.
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