रांची. यूपीएससी में रांची के दिव्यांशु शांडिल्य ने 1008 रैंक लाया है. यह रिटायर्ड आइजी लक्ष्मण सिंह के पुत्र हैं. दिव्यांशु का यहां तक पहुंचने का सफर हर किसी के लिए प्रेरणा का स्रोत हो सकता है. इनके बहनोई झारखंड कैडर के आइपीएस इंद्रजीत महाथा (एसटीएफ आइजी) बताते हैं कि यूपीएससी की तैयारी के दौरान 2019 में दिल्ली के चाणक्यपुरी में उनका एक्सीडेंट हो गया था. दो लड़कियों ने पास के एक अस्पताल में उनको भर्ती कराया. किसी तरह हमें सूचना मिली. फिर उन्हें मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया.
डेढ़ माह तक कोमा में रहे
डेढ़ माह तक वे कोमा में रहे. दो वर्षों तक उनका इलाज चला. इस दौरान मेमोरी लाॅस होने से वह परिवार के लोगों को भी नहीं पहचान पा रहे थे. लेकिन उनके हौसले को सैल्यूट करना चाहूंगा कि जब पूरा परिवार उनकी स्थिति को देखकर मायूस था, तब भी उन्होंने इस दौरान हिम्मत नहीं हारी. उस विकट परिस्थिति से खुद को बाहर निकाला. यूपीएसएसी में उनका परिणाम यह सिद्ध करने के लिए काफी है कि हौसला बुलंद हो, तो मंजिल मिल ही जाती है. शांडिल्य के पिता लक्ष्मण सिंह व पूरा परिवार रांची के डोरंडा में रहता है.
पटना के डीपीएस से पढ़ाई की
दिव्यांशु ने पटना के डीपीएस स्कूल से पढ़ाई की थी. मूल रूप से इनका परिवार बिहार के बरौनी का रहनेवाला है. लेकिन पिता की सर्विस के कारण परिवार झारखंड में ही रहा. लक्ष्मण सिंह वर्तमान में भाजपा के नेता हैं. वह गिरिडीह की धनवार सीट से भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं.
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