रांची. साहिबगंज में करीब 1000 करोड़ रुपये के अवैध खनन, जबरन वसूली और मनी लाउंड्रिंग मामले में इडी ने 30 जून को अपनी पांचवीं अनुपूरक अभियोजन शिकायत दर्ज करायी है. शिकायत रांची में पीएमएलए के विशेष न्यायालय के समक्ष दायर की गयी. इसमें आठ नये व्यक्तियों और दो कॉरपोरेट संस्थाओं को आरोपी बनाया गया है. एजेंसी के अनुमान के अनुसार, आपराधिक सिंडिकेट ने 1000 करोड़ से अधिक की आपराधिक आय अर्जित की है. इडी ने धन शोधन में शामिल सभी संपत्तियों को जब्त करने की प्रार्थना की है.
मुख्य आरोपी दाहू यादव है फरार
शिकायत में बताया गया है कि मुख्य आरोपी राजेश यादव उर्फ दाहू यादव अवैध नौका सेवाओं का प्रबंधन करता था. वह वर्तमान में फरार है. आरोपी हीरा लाल भगत के परिसर से 3.13 करोड़ रुपये नकद जब्त हुए थे. आरोपी निमय चंद्र शील ने अवैध रूप से खनन पट्टा पाने के लिए पंकज मिश्रा के साथ आपराधिक साजिश रचने की बात स्वीकारी है. कोलकाता स्थित मेसर्स मरीन इंफ्रालिंक लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड और इसके निदेशक यश जालान पर 2.75 करोड़ रुपये के बदले अवैध परिवहन के लिए जहाज देने का आरोप है. राजेश यादव के परिवार द्वारा नियंत्रित मेसर्स रायदाव ट्रांसपोर्टेशन प्राइवेट लिमिटेड का इस्तेमाल अवैध धन को सफेद करने के लिए किया गया. इसके खाते में 63.39 लाख रुपये फ्रीज किये गये. कुल जब्ती में 3.49 करोड़ रुपये नकद, एक अंतरदेशीय जहाज (एमवी इन्फ्रालिंक-III),पांच औद्योगिक स्टोन क्रशर और दो टिपर ट्रक शामिल हैं. 2.47 करोड़ रुपये की बैंक बैलेंस राशि जब्त कर ली गयी.
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