रांची. राज्य के सरकारी प्लस टू विद्यालयों में प्रति वर्ष इंटर में नामांकन को लेकर निर्धारित सीटों की तुलना में आधी सीटें रिक्त रह जाती हैं. राज्य गठन के समय झारखंड में मात्र 59 प्लस टू स्कूल थे, लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ कर 642 हो गयी है. राज्य में विशेष कोटि के 336 विद्यालय भी हैं, जहां प्लस टू स्तर तक की पढ़ाई होती है. इनमें कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय, मॉडल विद्यालय और नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालय शामिल हैं.
विद्यालयों में लगभग छह लाख सीटें मौजूद
राज्य के प्लस टू विद्यालय उपलब्ध संसाधन के अनुरूप नामांकन ले सकते हैं, जबकि आवासीय विद्यालयों में नामांकन के लिए सीटें निर्धारित हैं. झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) की रिपोर्ट के अनुसार इन विद्यालयों में लगभग छह लाख सीटें हैं. वहीं राज्य में इंटर में प्रति वर्ष 3.50 लाख परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल होते हैं. इनमें प्लस टू स्कूल के अलावा इंटर कॉलेज, डिग्री संबद्ध महाविद्यालय व अंगीभूत कॉलेज में नामांकित विद्यार्थी शामिल हैं. ऐसे में अगर कॉलेज में इंटर की पढ़ाई बंद भी हो जाये, तो सरकारी प्लस टू विद्यालयों में मैट्रिक पास करने वाले सभी विद्यार्थी का नामांकन हो सकता है.
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