रांची (प्रमुख संवाददाता). भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त (सीइसी) ज्ञानेश कुमार ने कहा है कि मतदाताओं के बीच मतदान प्रक्रिया व इवीएम के प्रति किसी प्रकार की गलत धारणा को दूर करना है. अब तक पांच करोड़ से अधिक बार किये गये इवीएम एवं वीवीपैट के मिलान में एक भी गलती नहीं मिली है. यह पूरी तरह से सुरक्षित और सही परिणाम देता है. सीइसी सोमवार को नयी दिल्ली में चुनाव आयोग की कार्यशाला के पहले दिन संबोधित कर रहे थे. 20 मई को प्रतिभागी दिल्ली के प्रमुख संस्थानों का भ्रमण करेंगे. इसके लिए नौ बसों की व्यवस्था की गयी है. प्रशिक्षण में शामिल होने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया जायेगा.
भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन प्रबंधन संस्थान (आइआइआइडीइएम) में शुरू हुई कार्यशाला में झारखंड के बीएलओ, वालेंटियर व बूथ अवेयरनेस ग्रुप (बीएजी) के साथ चुनाव से संबंधित 402 सदस्यीय टीम हिस्सा ले रही है. पहले दिन प्रतिभागियों को योगाभ्यास, ग्रुप फोटोग्राफ के बाद चुनाव विशेषज्ञ डॉ शशि शेखर रेड्डी, देवदास दत्ता, चंद किशोर शर्मा, प्रभास दत्ता द्वारा चुनाव प्रक्रिया से संबंधित विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया. कार्यशाला में महानिदेशक आइआइआइडीइएम राकेश कुमार वर्मा, वरीय उप निर्वाचन आयुक्त मनीष गर्ग, उप निर्वाचन आयुक्त अजीत कुमार, उप निर्वाचन आयुक्त संजय कुमार, झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार सहित चुनाव से संबंधित विभिन्न स्टेकहोल्डर उपस्थित थे.झारखंड की मतदाता सूची पर एक भी अपील नहीं
कार्यशाला का उदघाटन करने के बाद प्रशिक्षण के उद्देश्य पर चर्चा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि झारखंड भ्रमण के दौरान दशम जलप्रपात की बीएलओ दीदियों ने प्रभावशाली तरीके से चुनाव संबंधित जानकारी दी. विगत मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रमों के बाद झारखंड की मतदाता सूची के विरुद्ध एक भी अपील दायर नहीं होना सराहनीय उपलब्धि है. कहा कि मतदाता सूची से असहमति होने पर मतदाताओं को जिला निर्वाचन पदाधिकारी के समक्ष अपील करने के मामले में शिक्षित करने की जरूरत है. मतदाताओं को जागरूक करते हुए मतदाता सूची को शत-प्रतिशत संतुष्टि के साथ बनाना आयोग की प्राथमिकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है