रांची.
सिदो-कान्हू कृषि एवं वनोपज राज्य सहकारी संघ (सिद्धकोफेड) के सौजन्य से लापुंग के मालगो लैंपस के रायटोली में क्षेत्रीय लाह खेती प्रशिक्षण सह टूल किट वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि मौजूदा दौर में राज्य के किसान अपने खेत से ही नहीं, पेड़ के सहारे भी आर्थिक रूप से समृद्ध हो सकते हैं. लाह की खेती इस दिशा में सफल प्रयोग साबित होगी. कृषि मंत्री ने कहा कि झारखंड देश का सबसे ज्यादा लाह उत्पादन करने वाला राज्य है. लाह की कमाई से बच्चों की पढ़ाई और परिवार को गरीबी से निकाला जा सकता है. खूंटी और लातेहार की भौगोलिक स्थिति लापुंग से मिलती-जुलती है.10 हजार किसानों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य
इस मौके पर सिद्धकोफेड द्वारा 191 किसानों को लाह उत्पादन का प्रशिक्षण दिया गया. साथ ही टूल किट भी बांटे गये. किसानों को पांच किलो लाह के बीज के अलावा कटाई व सुरक्षा उपकरण दिये गये. सिद्धकोफेड के सचिव राकेश कुमार सिंह ने कहा कि विभाग प्रशिक्षण और प्रसंस्करण के क्षेत्र में काम कर रहा है. लाह को कृषि का दर्जा मिलने के साथ ही इसके उत्पादन में बढ़ोतरी की उम्मीद और बढ़ गयी है. सिद्धकोफेड ने राज्य के 10 हजार किसानों को लाह की खेती का प्रशिक्षण देने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इस मौके पर वैज्ञानिक डीके सिंह, जयंत बारला, सुदामा महली, देवती देवी, चैतन्य गंझू, सुरेश कुमार, विश्वनाथ मुंडा, सरोज मुंडा, सलीम आदि मौजूद थे.
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