रांची. उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री की अध्यक्षता में शुक्रवार को डिस्ट्रिक्ट टास्क फोर्स कमेटी की बैठक हुई. इसमें टीबी मुक्त भारत अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये गये. सिविल सर्जन डॉ प्रभात कुमार ने बताया कि जिले में एक जुलाई से अभियान की शुरुआत हो गयी है, जो 31 दिसंबर तक लगातार चलेगा. प्रखंड और जिला स्तर पर माइक्रो प्लान तैयार कर अभियान चलाया जा रहा है. प्रखंड और शहरी क्षेत्रों के संवेदनशील वर्ग में टीबी की स्क्रीनिंग की जा रही है. अनाथालय, वृद्धाश्रम, झुग्गी-बस्ती, प्रवासी मजदूर, खनन क्षेत्र व निर्माण स्थल, आवासीय विद्यालय, जेल के कैदी और पिछले तीन से पांच वर्ष के टीबी मरीजों को अभियान में शामिल किया गया है. इसके अतिरिक्त, धूम्रपान करने वाले, डायबिटीज और एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों की भी स्क्रीनिंग की जा रही है. डॉ प्रभात ने बताया कि सहिया और स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर इन सभी की टीबी जांच कर रहे हैं. जिन व्यक्तियों में टीबी के लक्षण पाए जा रहे हैं, उनका निःशुल्क उपचार किया जा रहा है और दवाएं दी जा रही हैं. इसके बाद उपायुक्त ने सिविल सर्जन, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी सहित संबंधित पदाधिकारियों को अभियान की मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया. वहीं, आपस में समन्वय स्थापित कर सभी प्रखंड के स्कूल-कॉलेज और पंचायतों में जागरूकता अभियान चलाने को कहा. उपायुक्त ने यह भी कहा कि झोलाछाप द्वारा गलत तरीके से टीबी का इलाज किया जाता है, इसलिए उन पर नजर रखी जाये. इस दौरान उपायुक्त ने टीबी मरीजों को फूड बास्केट प्रदान किया और जिले में फूड बास्केट बढ़ाने का निर्देश भी दिया. मौके पर कई अधिकारी उपस्थित थे.
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