रांची. राज्य में 70 करोड़ रुपये से अधिक शराब घोटाला मामले में एसीबी ने पूछताछ के बाद मंगलवार की शाम पूर्व उत्पाद आयुक्त अमित प्रकाश को गिरफ्तार कर लिया है. वह 30 नवंबर 2024 को सेवानिवृत्त हो गये थे. एसीबी को शराब घोटाला की जांच के दौरान इनकी संलिप्तता के संबंध में कई साक्ष्य मिले थे. एसीबी ने उन्हें मंगलवार की देर शाम एसीबी की विशेष अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
अनुसंधान में कोई सहयोग नहीं किया
एसीबी ने जांच में पाया है कि अमित प्रकाश उत्पाद आयुक्त सह प्रबंध निदेशक झारखंड राज्य बिवरेजेज कॉरपोरेशन (जेएसबीसीएल) के पद पर पदस्थापित थे. इनके कार्यकाल में ही प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से खुदरा शराब दुकानों से बेची जाती थी. हालांकि शराब बिक्री के अनुपात में प्लेसमेंट एजेंसियों ने जेसबीसीएल को काफी कम पैसा दिया. यह राशि बढ़कर दिसंबर 2024 तक करीब 70 करोड़ रुपये से अधिक हो गयी. अमित प्रकाश के पास यह अधिकार था कि बकाया राशि वसूलने के लिए वह प्लेसमेंट एजेंसियों द्वारा जमा बैंक गारंटी को कैश करवाकर रुपये जेएसबीसीएल के खाते में जमा करा दें. लेकिन उन्होंने इस संबंध में कोई ठोस कदम नहीं उठाया. एसीबी की पूछताछ के दौरान अमित प्रकाश से जब इस बिंदु पर पूछताछ की गयी तो वह गोलमटोल जवाब देते रहे और अनुसंधान में कोई सहयोग नहीं किया.
अमित प्रकाश की संलिप्तता के बारे जानकारी दी थी
अमित प्रकाश के खिलाफ दूसरा साक्ष्य यह कि केस के प्राथमिकी अभियुक्त नीरज कुमार सिंह ने रिमांड में पूछताछ के दौरान अमित प्रकाश की संलिप्तता के बारे जानकारी दी थी. इसके अलावा तीसरा साक्ष्य यह है कि केस के प्राथमिकी अभियुक्त नवेंदू शेखर वरीय लेखापाल ने जेएसबीसीएल ने केस में अमित प्रकाश की संलिप्तता को उजागर किया था. एसीबी ने जांच में यह भी पाया था कि अमित प्रकाश अपने लोकल एजेंट के माध्यम से पैसा की उगाही करते थे. केस के अनुसंधान के दौरान भी एसीबी को अन्य प्राथमिकी अभियुक्त ने अमित प्रकाश की संलिप्तता की जानकारी दी थी. एसीबी ने जांच में यह भी पाया है कि शराब दुकानों में एमआरपी से अधिक मूल्य पर शराब की जो बिक्री होती थी, उसका पैसा भी एजेंट के माध्यम से अमित प्रकाश को प्राप्त होता था. उल्लेखनीय है कि एसीबी ने पूर्व में अमित प्रकाश से 13 जून को पूछताछ की थी. उन्होंने पूछताछ के लिए नोटिस भेजकर बुलाया गया था. एसीबी में पूछताछ के लिए आने के बाद टीम ने उनसे कई बिंदुओं पर पूछताछ की थी. पूछताछ के बाद उन्हें वापस भेज दिया गया था. लेकिन एसीबी ने अन्य बिंदु पर साक्ष्य एकत्रित करने के बाद उन्हें पूछताछ के लिए फिर से मंगलवार को बुलाया था और पूछताछ पूरी होने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
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