आज पैरवी वालों की सुनी जाती है…
रांची. पूर्व ओलिंपियन रहे मनोहर टोपनो वर्तमान में खिलाड़ियों के चयन में जिस तरह के हथकंडे अपनाये जाते हैं उससे काफी दुखी हैं. उन्होंने आज के चयन पद्धति पर सवाल खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा कि उनके जमाने में खिलाड़ियों का चयन खेल को देखकर हुआ करता था. लेकिन, आज खिलाड़ियों का चयन उनकी पैरवी को देखकर होता है. इससे प्रतिभावान खिलाड़ियों का मनोबल टूटता है. मनोहर टोपनो प्रभात खबर से दूरभाष पर बात की. उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों के चयन में आज पैरवी पूरी तरह से हावी है. खिलाड़ियों का चयन काफी कड़े तरीके से किया जाना चाहिए, जिसकी यहां कमी है. उन्होंने कहा कि सरकार को कई बार ध्यानचंद के लिए आवेदन दिया, लेकिन सरकार की ओर से इस पर किसी तरह का कोई विचार नहीं किया गया.साझा के कार्यालय में बैठने के लिए कार्यालय दिया आज वह भी नहीं : पूर्व की सरकार ने दोनों पूर्व ओलिंपियन सिल्वानुस डुंगडुंग और महादेव टोपनो को साझा कार्यालय में बैठने के लिए चेंबर दिया गया था, जिसे हटा दिया गया. पूर्व ओलिंपियन का बोर्ड भी नहीं दिखता है.खिलाड़ी जमकर प्रैक्टिस करे, यही आपको परफेक्ट बनायेगा : श्री टोपनो ने नये खिलाड़ियों से कहा कि चाहे जिस खेल में हो अपना बेस्ट देने का प्रयास करें, प्रैक्टिस जमकर करें. क्योंकि यही आपको परफेक्ट बनायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है