रांची. कैथोलिक प्रचारकों के लिए एसडीसी सभागार में आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण सेमिनार का समापन हो गया. शनिवार की सुबह में सेमिनार की शुरुआत आर्चबिशप विंसेंट आईंद ने मिस्सा से की. इस दौरान अपने उपदेश में उन्होंने कहा कि ईश्वर हम सबको जानता और समझता है. हमें उसकी महानता और एहसास को पहचानना चाहिए और उससे जुड़कर अपनी जिम्मेदारियों को निभाना चाहिए. जमशेदपुर से आये फादर वलेरियन लोबो ने कहा कि यह जुबली वर्ष हमें सिखाता है कि हर परिवार का आध्यात्मिक नवीनीकरण हो. साथ ही आपसी तालमेल और संबंध में सुधार करने की भावना आये. हम एक-दूसरे की गलतियों को माफ करें. एकजुटता के साथ आगे बढ़ें और समाज के निर्माण में अपना सकारात्मक योगदान दें.
जीवन ईश्वर का वरदान है
विश्वास प्रशिक्षण दल के फादर फिलिप मिंज ने कहा कि इस धरती पर हमारा जीवन बहुत लंबा नहीं है. यह कुछ दिनों का है. यह जीवन ईश्वर का वरदान है, हमें लोगों की भलाई के लिए काम करना है. यह आपके लिए बड़ा अवसर है. उन्होंने कहा कि इस तीन दिवसीय सेमिनार में दिवंगत पोप फ्रांसिस के आह्वान-आशा के तीर्थयात्री की भावना को समझना है. तभी आप पल्लियों में बेहतर तरीके से काम कर पायेंगे. उन्होंने कहा कि आधात्मिक नवीनीकरण के इस अवसर का बेहतर उपयोग करें. सेमिनार में रांची महाधर्मप्रांत के 35 पेरिशों और चार मिशन स्टेशनों से 114 प्रचारक शामिल हुए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है