रांची. चतरा के टंडवा स्थित आम्रपाली परियोजना में नौकरी और मुआवजा घोटाला के आरोपों की सीआइडी ने प्रारंभिक जांच पूरी कर ली है. इसकी रिपोर्ट डीजीपी अनुराग गुप्ता को रिपोर्ट भेज दी गयी है. अपनी इस जांच में सीआइडी ने आरोपों को सही पाया है. इसकी विस्तृत जांच के लिए प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति मांगी गयी है. डीजीपी का आदेश मिलने के बाद सीआइडी प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई करेगी.
सीआइडी को जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा था
पिछले दिनों शिकायत मिलने पर डीजीपी अनुराग गुप्ता ने सीआइडी को जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा था. शिकायत में कहा गया था कि फर्जी दस्तावेज पर मुआवजा वितरण और नौकरी देने का काम हुआ है. इसमें संगठित तरीके से सरकारी कर्मियों और सीसीएल के अधिकारियों के सहयोग से फर्जी दस्तावेज बनाकर घोटाले को अंजाम दिया गया है. फर्जी रैयतों, विस्थापितों और भू-माफियाओं ने मुआवजा और नौकरी लेने का काम किया है. इसलिए इस मामले की एसीबी या सीआइडी से जांच करायी जाये. इसी आधार पर डीजीपी ने सीआइडी से जांच रिपोर्ट मांगी थी.
रैयत ने 22 लोगों पर केस दर्ज कराया था
टंडवा थाना में रैयत परमेश्वर गंझू ने 29 मार्च को 22 लोगों पर केस दर्ज कराया. इसमें सूरन भुईया, सीमा भुईया, सरिता देवी, बुधन बेदिया, गोपी भुइया, किशन भुइया, पूनम कुमारी, मनोहर राम, करण भुइया, अमित कुमार, विजय भुइया, बिरन कुमार भुइया, कुलेश्वर कुमार, इस्माइल अंसारी, मो इब्राहिम, मो रिजवान, अनवर अंसारी, आफताब अंसारी, सगुफ्ता अंजुम, नुमान अंसारी, मोहसिन कमल और खुर्शीद को आरोपी बनाया गया था. शिकायत की गयी थी कि अंचल कार्यालय में भूमि के नक्शे में छेड़छाड़ कर सीसीएल पिपरवार क्षेत्र में अवैध तरीके से नौकरी और मुआवजा लेने का काम किया गया. इसकी जानकारी मिलने के बाद जिला स्तर से छह सदस्यीय टीम ने जांच की थी. जांच में पाया गया कि वैसे लोग जो भूमि अधिग्रहण क्षेत्र से संबंधित नहीं हैं, उन्होंने भी धोखाधड़ी से नौकरी प्राप्त की है. प्राथमिकी में नामजद सभी लोगों ने सीसीएल में नौकरी प्राप्त की है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है