वरीय संवाददाता, रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य में महिला व नाबालिगों के साथ होनेवाले दुष्कर्म व प्रताड़ना को रोकने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से स्टेटस रिपोर्ट दायर नहीं किये जाने पर नाराजगी जतायी. खंडपीठ ने राज्य सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दायर करने के लिए एक और अवसर प्रदान किया. खंडपीठ ने सरकार को महिला व बच्चों की सुरक्षा के लिए उठाये गये कदमों से संबंधित स्टेटस रिपोर्ट दायर करने को कहा. महिला हेल्पलाइन नंबर की क्या स्थिति है, उसकी भी जानकारी देने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई छह मई को होगी. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता भारती वी कौशल ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी भारती कुमारी ने जनहित याचिका दायर की है. उन्होंने महिला व बच्चों के साथ होनेवाली घटनाओं को रोकने की मांग की है. पिछली सुनवाई के दाैरान कोर्ट ने पांच बिंदुओं पर राज्य सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया था. इसमें महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर राजधानी के प्रमुख जगहों पर सीसीटीवी कैमरा लगाने, खराब कैमरे को ठीक करने, स्कूल बसों में महिला स्टाफ रखने, महिलाओं व बच्चों की शिकायत के लिए स्कूलों में कंप्लेन बॉक्स रखने, महिलाओं को इमरजेंसी में सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर को अखबार सहित अन्य माध्यमों से प्रचारित-प्रसारित करने को लेकर किये गये कार्यों की जानकारी शामिल हैं.
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