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Ranchi News : एंबुलेंस में लगेगा जीपीएस, आसानी से ट्रेस होगा लोकेशन

राज्य के सुदूरवर्ती इलाकों में चलने वाली एंबुलेंस में अब जीपीएस लगेगा. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश जारी कर दिया है.

रांची (बिपिन सिंह). राज्य के सुदूरवर्ती इलाकों में चलने वाली एंबुलेंस में अब जीपीएस लगेगा. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश जारी कर दिया है. इसका उद्देश्य एंबुलेंस का लोकेशन ट्रेस करना और मरीजों को जल्द अस्पताल पहुंचाकर उपचार में मदद करना है. इसके लिए दुर्गम ग्रामीण क्षेत्रों में एंबुलेंस सहायता समिति गठित की जायेगी. स्वास्थ्य विभाग को लगातार इसकी शिकायत मिल रही थी कि एंबुलेंस समय पर मरीज के पास नहीं पहुंचती है. वहीं, एंबुलेंस चालक मरीज को सरकारी हॉस्पिटल के बजाय निजी अस्पताल पहुंचा रहे हैं.

अब सभी एंबुलेंस में जीपीएस लगाकर इसके संचालन पर निगरानी रखी जायेगी. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के राज्य नोडल पदाधिकारी प्रदीप कुमार सिंह ने सभी सिविल सर्जन को पत्र लिखकर आवश्यकता पड़ने पर बैकअप एंबुलेंस भी उपलब्ध कराने को कहा है. आपको बता दें कि कुछ दिन पहले आयुष्मान कार्ड से मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिलने की शिकायत आयी थी. इससे एंबुलेंस चालकों की मनमानी की बात उजागर हुई थी.

हाइकोर्ट ने दिया था आदेश

हाइकोर्ट ने एंबुलेंस में जीपीएस लगाने का आदेश दिया था. जीपीएस की मदद से एंबुलेंस चालक भी नजदीकी अस्पताल का पता लगा सकेंगे. इस सिस्टम की मदद से एंबुलेंस को मरीज तक जल्द पहुंचाया जा सकता है. साथ ही ऑपरेटिंग कंपनी सटीक स्थान का पता लगा सकेगी. इससे ट्रैफिक विभाग और नियंत्रण कक्ष एंबुलेंस को आसानी से ट्रैक कर सकते हैं.

उबड़-खाबड़ सड़कों की तैयार होगी सूची

राज्य के अंदर एंबुलेंस के बार-बार फंसने वाले क्षेत्रों की सूची बनाकर सड़क की मरम्मत करने के लिए संबंधित विभाग को सूचना दी जायेगी. ताकि, उबड़-खाबड़ सड़कों की मरम्मत करायी जा सके. एंबुलेंस में जरूरी टूल्स, रस्सी, लकड़ी के तख्ते आदि उपकरण उपलब्ध कराये जायेंगे. ताकि, आपातकालीन स्थिति में मरीजों को बेहतर चिकित्सा सहायता दी जा सके.

सड़क हादसे में घायल हुए लोगों को मिलेगा लाभ

राज्य में डायल 108 सेवा के तहत करीब 350 एंबुलेंस संचालित हैं. इसके अलावा कई एंबुलेंस निजी और एनजीओ द्वारा भी चलायी जाती है. जीपीएस लगने के बाद दुर्घटनाग्रस्त मरीजों को भी इसका लाभ समय पर मिलेगा. स्वास्थ्य विभाग और इससे जुड़े अन्य अधिकारी इस अहम सिस्टम से यह देख पायेंगे कि कब कौन सी एंबुलेंस किस लोकेशन से निकली और कहां पहुंची है. इससे एंबुलेंस चालकों पर भी नजर रखी जा सकेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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