रांची. राज्य में शिक्षा मंत्री के आदेश के बाद भी वित्त रहित इंटर कॉलेजों के बैंक खाता में सीधे अनुदान राशि नहीं भेजी जा रही है. राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री स्व जगरनाथ महतो ने 27 मार्च 2020 में यह आदेश दिया था कि राज्य के वैसे कॉलेज जिसमें किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है, उन कॉलेजों के शासी निकाय के खाता में सीधे स्वीकृत अनुदान राशि स्थानांतरित की जायेगी, लेकिन पांच वर्ष बाद भी स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा इस आदेश का अनुपालन नहीं किया गया. राज्य में अब भी अनुदान राशि कॉलेज के शासी निकाय के बैंक खाता में नहीं भेजी जा रही है. जबकि राज्य के शिक्षक अब भी अनुदान राशि सीधे शिक्षण संस्थान के बैंक खाता में भेजने की मांग कर रहे हैं, लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा उन्हें केवल आश्वासन दिया जा रहा है. वर्तमान में अनुदान राशि विभाग द्वारा जिला के कोषागार में भेजा जाता है. इसके बाद राशि की निकासी संबंधित जिला के जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा की जाती है. इसके बाद क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक के हस्ताक्षर के बाद राशि शिक्षण संस्थान के बैंक खाता में भेजी जाती है. इससे स्कूल-कालेजों को काफी परेशानी होती है.
मोर्चा ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग
सरकार द्वारा अनुदान राशि देने के बाद शिक्षण संस्थान को इसके लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है. वित्त रहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा के रघुनाथ सिंह व मनीष कुमार ने इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. कहा है कि शिक्षा मंत्री के आदेश का अनुपालन कैसे नहीं हुआ, इसकी जांच करा कर दोषी पदाधिकारी पर कार्रवाई की जाये. जांच नहीं कराने पर माेर्चा आंदोलन करेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है