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Happy Birthday MSD: वर्ष 1997 की बात है. महेंद्र सिंह धोनी पहली बार ओपनिंग करने उतरे. कुछ देर खेलने के बाद उन्होंने अपने पार्टनर से कहा, ‘तू मुझे स्ट्राइक दे. मैं मारूंगा.’ इसके बाद धोनी ने गेंदबाजों की ऐसी धुनाई की कि इतिहास ही रच दिया. रांची के मेकॉन स्टेडियम में यह इतिहास बना था. धोनी और उनके पार्टनर ने मिलकर एक दिन में 376 रन ठोंक डाले और विपक्षी टीम को बुरी तरह से पराजित कर दिया. धोनी के साथ उस मैच में ओपनिंग करने वाले शब्बीर हुसैन ने प्रभात खबर (prabhatkhabar.com) के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में महेंद्र सिंह धोनी और स्कूल लीग के फाइनल मैच की कहानी बतायी.

बचपन से अलग था धोनी के खेलने का अप्रोच – शब्बीर हुसैन
स्कूल, क्लब, डिस्ट्रिक्ट और स्टेट तक धोनी के साथ खेलने वाले शब्बीर हुसैन कहते हैं कि बचपन से एमस धोनी (Happy Birthday MSD) के खेलने का अप्रोच अलग था. वह सभी मैच को सीरियसली लेता था. छोटा मैच हो या बड़ा मैच, किसी मैच को कैजुअल नहीं लेता था. क्रिकेट पर बहुत फोकस करता था. वह कहता था कि इंडिविजुअल परफॉर्मेंस का फायदा टीम को मिलता है.

केवी हिनू से हारने के बाद, अगले साल हराने की तैयारी
शब्बीर हुसैन ने 1996-97 के दिनों को याद करते हुए कहा कि वर्ष 1996 में हमारी टीम स्कूल लीग के फाइनल में पहुंची थी. हमारा मुकाबला केंद्रीय विद्यालय हिनू (केवी हिनू) से था. बारिश की वजह से पिच गीली हो गयी. मैदान भी गीला था. हम मैच हार गये. हम निराश थे. एमएस भी निराश था. एमएस ने कहा कि अगली बार अगर हमारा मुकाबला केवी हिनू से हुआ, तो हम उनको जरूर हरायेंगे.

मेकॉन में फिर केवी हिनू-डीएवी श्यामली आमने-सामने
शब्बीर कहते हैं कि एमएस इस बात को भूला नहीं. वह बार-बार यही कहता कि वर्ष 1997 में जब लीग शुरू हुआ, तो हमारी टीम अच्छा खेल रही थी. एमएस और हमारी पूरी टीम चाहती थी कि फाइनल में हमारा मुकाबला केवी हिनू से ही हो. आखिरकार वह घड़ी आ ही गयी. 1997 से लीग के फाइनल में डीएवी श्यामली का मुकाबला केवी हिनू से हुआ. वही दोनों टीमें. वही स्टेडियम – मेकॉन.
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कप्तान शब्बीर से बोले धोनी- आज मैं ओपनिंग करूंगा
शब्बीर स्कूल टीम के कैप्टन थे. वह ओपनिंग करते थे. उनके साथ अनुज मित्तल ओपनिंग करने आते थे. एमएस धोनी (Happy Birthday MSD) मिडिल ऑर्डर में खेला करते थे. फाइनल मैच में धोनी ने कहा कि आज मैं ओपनिंग जाऊंगा. बाद में खेलने का मौका नहीं मिलता. केवी हिनू को किसी भी कीमत पर हराना है. इस पर शब्बीर ने कहा कि सर (कोच) से बात करनी पड़ेगी. सर से बात हुई, उन्होंने कहा, ‘कोई बात नहीं. बस इतना ध्यान रखना कि रन बनना चाहिए. विकेट न गिरे.’

Happy Birthday MSD: धोनी ने बना लिया था मूड, बहुत मारूंगा
लीग मैच में पहली बार धोनी ने शब्बीर हुसैन के साथ ओपनिंग की. शब्बीर कहते हैं कि थोड़ी देर खेलने के बाद एमएस ने अपनी पूरी रणनीति बना ली. उसकी गेम रीडिंग जबर्दस्त थी. ग्राउंड में जाते वक्त हमने बात की. शुरू के कुछ ओवर देखेंगे. ज्यादा से ज्यादा रन बनाना है. धोनी ने पूरा मूड बना लिया था, बहुत मारेंगे. थोड़ी देर खेलने के बाद हमारी टीम के रन बनने लगे. इसके बाद धोनी मेरे पास आया. उसने कहा, ‘तू 1 रन लेकर मुझे स्ट्राइक दे. मैं मारूंगा.’
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हर ओवर में छक्के जड़ रहा था धोनी – शब्बीर हुसैन
शब्बीर ने बताया कि उन्होंने एमएस को स्ट्राइक देना शुरू किया. फिर धोनी ने केवी हिनू के गेंदबाजों की ऐसी कुटाई की कि मेकॉन स्टेडियम में एक इतिहास बन गया. ओपनिंग जोड़ी ने 376 रन ठोंक डाले. धोनी हर ओवर में 1, 2, 3 छक्के मार रहा था. किसी-किसी ओवर में तो उसने 4-4 छक्के जड़ दिये. हमने सोचा था कि केवी हिनू से फाइनल में हमारा मुकाबला हो और हम उसे बुरी तरह से रौंद डालें. हमने ऐसा ही किया. जीत के बाद हम बहुत खुश थे. खुशी और बढ़ गयी, जब अगले दिन मीडिया रिपोर्ट्स में पढ़ा कि हमने जो रन बनाये हैं, वह एक रिकॉर्ड है. सचिन और विनोद कांबली ने 3 दिन में रिकॉर्ड बनाया था. हमने एक दिन में इतने रन बना डाले, जितने किसी ने नहीं बनाये.
सुबह 6 से 10 बजे तक सीसीएल में प्रैक्टिस करते थे धोनी
महेंद्र सिंह धोनी शुरुआती दिनों में और क्या-क्या करते थे, यह पूछने पर शब्बीर हुसैन कहते हैं कि बिल्कुल सिंपल लाइफ था हमारा. सुबह सीसीएल में प्रैक्टिस करने जाते थे. 10-11 बजे से सीसीएल ऑफिस के लोग काम करने आते थे. तो हमलोग 6 से 10 बजे तक प्रैक्टिस करते थे. वह मेरे घर आता था, वहां से हम दोनों सीसीएल जाते थे. प्रैक्टिस करते थे.
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नेट पर नॉट आउट रहने का चैलेंज देते थे एमस धोनी
शब्बीर हुसैन ने यह भी बताया कि उन लोगों के बीच नेट हर दिन पर एक चैलेंज होता था. चैलेंज था – आउट नहीं होना है. जो आउट होगा, वो ट्रीट देगा. इस चैलेंज ने हमारे क्रिकेट को बहुत निखारा. इस चैलेंज की वजह से प्रैक्टिस में गंभीरता आ जाती थी. कचहरी के पास एक होटल था, प्रैक्टिस के बाद हम वहां जाकर कचौड़ी-सब्जी खाते थे. शाम को स्टेडियम में प्रैक्टिस करते और कॉलोनी में घूमते-फिरते थे.
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बचपन में खूब वीडियो गेम खेलते थे महेंद्र सिंह धोनी
बचपन में धोनी को क्या पसंद था और वह क्या करते थे. इस सवाल के जवाब में शब्बीर ने बताया कि धोनी को दोस्तों के साथ घूमना-फिरना और क्रिकेट खेलना पसंद था. उसको वीडियो गेम भी बहुत पसंद था. वीडियो गेम में कार्ड सीक्वेंसिंग में शुरू से उसकी रुचि थी.
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