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Jharkhand High Court News : हाइकोर्ट ने देवघर एम्स पर केंद्र और राज्य सरकार से मांगी स्टेटस रिपोर्ट

झारखंड हाइकोर्ट ने देवघर एम्स में बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर गोड्डा के सांसद डॉ निशिकांत दुबे की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान पक्ष सुनने के बाद केंद्र सरकार व राज्य सरकार को अद्यतन जानकारी के साथ स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया.

रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने देवघर एम्स में बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर गोड्डा के सांसद डॉ निशिकांत दुबे की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान पक्ष सुनने के बाद केंद्र सरकार व राज्य सरकार को अद्यतन जानकारी के साथ स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने कहा कि एम्स देवघर में मरीजों का बेहतर इलाज मिल सकेगा. यहां क्या-क्या सुविधाएं अब तक उपलब्ध करायी गयी है, उसकी अद्यतन जानकारी केंद्र व राज्य सरकार द्वारा दी जाये. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 12 अगस्त की तिथि निर्धारित की.

गोड्डा के सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने दायर की है जनहित याचिका

इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने पैरवी की. वहीं, एम्स देवघर की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी गोड्डा के सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने जनहित याचिका दायर की है. उन्होंने कहा है कि एम्स देवघर में बुनियादी सुविधाओं की कमी है. उनकी ओर से एम्स के लिए पर्याप्त बिजली, पानी, पहुंच पथ, फायर ब्रिगेड वाहन आदि की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार को उचित आदेश देने की मांग की गयी है. पूर्व में राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र दायर किया गया था. बताया गया कि एम्स में पानी, बिजली की सुविधा उपलब्ध करा दी गयी है. तात्कालिक रूप से फायर फाइटिंग की व्यवस्था की जा रही है. एम्सकर्मियों के बच्चों के लिए केंद्रीय विद्यालय की स्थापना के लिए जमीन चिह्नित हो गयी है.

…इधर, पूर्व उपायुक्त छवि रंजन की जमानत पर सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित

झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने बरियातू रोड में सेना के कब्जेवाली 4.55 एकड़ जमीन से जुड़े मनी लॉउंड्रिंग मामले में आरोपी पूर्व उपायुक्त छवि रंजन की जमानत याचिका पर सुनवाई की. अदालत ने प्रार्थी और इडी का पक्ष सुना. सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजेंद्र कृष्ण ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि प्रार्थी चार मई 2023 से जेल में बंद है. हिरासत लगभग 22 माह से अधिक हो गयी है. इस मामले में सरकार से अभियोजन स्वीकृति भी नहीं ली गयी है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए प्रार्थी को जमानत देने का आग्रह किया. वहीं, प्रतिवादी इडी की ओर से अमित कुमार दास ने पक्ष रखते हुए जमानत का विरोध किया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन ने जमानत याचिका दायर की है. इडी ने 13 और 14 अप्रैल 2023 को पूर्व उपायुक्त छवि रंजन, बड़ंगाईं अंचल के उप राजस्व कर्मी भानु प्रताप प्रसाद सहित 18 लोगों के 22 ठिकाने पर छापेमारी की थी. मामले में इडी ने छवि रंजन, अमित अग्रवाल सहित 10 आरोपियों के खिलाफ पीएमएलए की विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल किया है. छवि रंजन पर रांची के उपायुक्त रहने के दौरान फर्जी कागजातों के आधार पर सेना के कब्जेवाली भूमि की खरीद-बिक्री में संलिप्तता का आरोप है.

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