रांची. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने 11वीं जेपीएससी सिविल सेवा-2023 (विज्ञापन-01/2024 ) की मुख्य परीक्षा के मेरिट लिस्ट को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के दाैरान प्रार्थी का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) को नोटिस जारी किया. अदालत ने जेपीएससी को जवाब दायर कर यह बताने का निर्देश दिया कि सिविल सेवा मुख्य परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन नियमावली के अनुसार हुआ है या नहीं.
अगली सुनवाई के लिए 23 जुलाई की तिथि निर्धारित
मामले की अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 23 जुलाई की तिथि निर्धारित की. इससे पहले प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता कुमार हर्ष ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि 11वीं जेपीएससी सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा की उतरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन जेपीएससी नियमावली के अनुसार नहीं किया गया है. इस बार जेपीएससी ने उत्तरपुस्तिकाओं का डिजिटल मूल्यांकन किया है, जो नियमत: गलत है. उसकी नियमावली या विज्ञापन में इस तरह के डिजिटल मूल्यांकन का कोई प्रावधान नहीं है. इतना ही नहीं विशेषज्ञ व 10 वर्षोंं से कार्यरत शिक्षक से ही मूल्यांकन कराने का प्रावधान है, लेकिन जेपीएससी ने दो-तीन साल से कार्यरत शिक्षक से भी मूल्यांकन कराया है, जो पूरी तरह से गलत है.
मेरिट लिस्ट को रद्द कर करने की मांग
अधिवक्ता श्री हर्ष ने मेरिट लिस्ट को रद्द कर नये सिरे से जेपीएससी नियमावली के अनुसार, उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराने का आदेश देने का आग्रह किया. वहीं जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता डॉ अशोक कुमार सिंह ने नोटिस प्राप्त किया. उल्लेखनीय है कि राजेश प्रसाद एवं अन्य की ओर से याचिका दायर कर मेरिट लिस्ट को चुनाैती दी गयी है. मेरिट लिस्ट में शामिल अभ्यर्थियों का साक्षात्कार जेपीएससी द्वारा लिया जा रहा है. साक्षात्कार का यह कार्यक्रम 23 जून तक चलेगा.
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