रांची. एचइसी चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में फिर घाटे में रहा. कंपनी का प्रदर्शन हालांकि पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर रहा है. कंपनी के अधिकारी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में कंपनी का घाटा लगभग 226 करोड़ रुपया का हुआ है. जिसे पिछले दिनों एचइसी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक में बताया गया. उन्होंने बताया कि घाटे का मुख्य कारण कार्यशील पूंजी की घोर कमी, पुरानी मशीन और बार-बार ब्रेकडाउन होने से लागत का अधिक बढ़ जाना है. इसके अलावा लगातार कुशल कामगार और इंजीनियरों की आर्थिक स्थिति खराब होने से कंपनी को छोड़ने की पहल ने भी प्रभावित किया है.
छह वर्षों से लगातार घाटे में है एचइसी
एचइसी पिछले छह वर्षों से लगातार घाटे में चल रहा हैं. वर्ष 2018-19 में 93.67 करोड़, 2019-20 में 405.37 करोड़, वर्ष 2020-21 में 175.78 करोड़, 2021-22 में 256.07 करोड़, वर्ष 2022-23 में 230.85 करोड़ और वर्ष 2023-24 में 275.19 करोड़ रुपये के घाटे में रहा है.
कर्मियों का वेतन भुगतान हुआ अनियमित
लगातार छह वर्षों से घाटे में रहने के कारण एचइसी कर्मियों का वेतन अनियमित हो गया है. कर्मियों का वेतन 28 माह का बकाया हो गया है. पैसे के अभाव के कारण कर्मियों को मिलने वाली सुविधाएं एक-एक कर बंद कर दी गयी हैं. इसमें कैंटीन, वाहन सुविधा, पीएफ में राशि नियमित जमा नहीं होना, ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं होना, सेवानिवृत्त कर्मियों को मिलने वाली सुविधा बंद होना, वेलनेस सेंटर में चिकित्सकों व दवाई की कमी सहित अन्य शामिल हैं.
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