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HEC Financial Crisis: आर्थिक संकट से गुजर रही HEC की हालत गंभीर, नहीं निकाल पा रही है दैनिक खर्च

HEC Financial Crisis: HEC प्रबंधन ने वार्षिक रिपोर्ट जारी की है. इसमें बताया गया है कि वित्तीय संकट के कारण उत्पादन और बिक्री प्रभावित हुई है. नया कार्यादेश नहीं मिल रहा है. पहले से मिले ऑर्डर का डिस्पैच भी नहीं हो पा रहा है. हालात चुनौतीपूर्ण हैं. अपने दैनिक खर्चों को भी पूरा करने में सक्षम नहीं है.

HEC Financial Crisis: रांची-गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रही HEC को कार्यादेश (वर्क ऑर्डर) नहीं मिल रहा है. वहीं कंपनियों द्वारा पूर्व में मिले ऑर्डर का डिस्पैच भी समय पर नहीं हो रहा है. यह जानकारी प्रबंधन ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में दी है. HEC प्रबंधन द्वारा जारी वार्षिक रिपोर्ट 2023-24 में बताया गया है कि वित्तीय संकट के कारण उत्पादन और बिक्री प्रभावित हुई है. जिससे औद्योगिक संबंध की स्थिति भी चुनौतीपूर्ण हो गयी है. इसके अलावा पुरानी मशीनों के बार-बार खराब होने से ऑर्डर के निष्पादन पर असर पड़ा है. जिसका अप्रत्यक्ष असर नकदी प्रवाह चक्र पर भी पड़ा है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में कंपनी को 24.84 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिले हैं. एचइसी द्वारा प्राप्त ऑर्डर में मुख्य रूप से एचइसी द्वारा आपूर्ति किये गये उपकरणों के लिए स्पेयर शामिल है. जिनमें इलेक्ट्रिक रोप शॉवेल, ड्रैगलाइन, क्रशर, स्टील प्लांट उपकरण, इओटी क्रेन और भारी मशीन टूल्स के लिए स्पेयर शामिल हैं. इसके अलावा एचइसी ने स्टील प्लांट के लिए स्लैग पार्ट्स और फोर्ज्ड रोल्स के लिए ऑर्डर प्राप्त किये हैं.

दैनिक खर्च को पूरा करने में भी हो रही परेशानी


रिपोर्ट में कहा गया कि वित्तीय संकट इतना गंभीर हो गया है कि HEC अपने दैनिक खर्चों को पूरा करने में भी सक्षम नहीं है. इससे एचइसी को पहले से मिले ऑर्डरों के क्रियान्वयन पर असर पड़ रहा है. एचइसी में चल रही वित्तीय समस्या को देखते हुए ग्राहक एचइसी को ऑर्डर देने से बच रहे हैं. केवल खनन और इस्पात के पुर्जों के लिए कार्यादेश मिला है. एचइसी की नकारात्मक नेटवर्थ और कार्यशील पूंजी के कारण एचइसी टर्न की परियोजनाओं के ऑर्डर प्राप्त करने के लिए उच्च मूल्य निविदाओं में भी भाग नहीं ले पा रहा है. एचइसी के पास वर्तमान में 1225.07 करोड़ रुपये का कार्यादेश है.

मौजूदा बाजार की प्रतिस्पर्द्धा खो रही HEC


वार्षिक रिपोर्ट में HEC पर खतरे की बात भी कही गयी है, जिसमें कहा गया है कि आधुनिकीकरण के अभाव में एचइसी मौजूदा बाजार में प्रतिस्पर्द्धा खो रही है और आगामी निविदाओं में भाग लेने में असमर्थ है. डिलिवरी में देरी के कारण ग्राहक बातचीत के आधार पर नया ऑर्डर देने से बच रहे हैं. इसके अलावा एचइसी को निविदाओं में भाग लेने से रोकने के लिए विभिन्न ग्राहकों ने एचइसी के साथ भविष्य में व्यापारिक लेन-देन को निलंबित कर दिया है. टर्न की परियोजना निविदाओं के मामले में सीआइएल और सेल ने सकारात्मक नेट वर्किंग कैपिटल और सकारात्मक नेटवर्थ के लिए मानदंड पेश किये हैं. जिस कारण एचइसी सीएचपी और सामग्री हैंडलिंग के लिए उच्च मूल्य वाली निविदाओं में भाग लेने में समक्ष नहीं है.

HEC को किस वर्ष कितना मिला कार्यादेश


एचइसी के इतिहास में वित्तीय वर्ष 2023-24 वर्कऑडर के मामले में सबसे खराब वर्ष रहा है. कंपनी को 24.84 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिले. वहीं वित्तीय वर्ष 2022-23 में 141 करोड़, वर्ष 2021-22 में 188 करोड़, वर्ष 2020-21 में 1421 करोड़ और वर्ष 2019-20 में 1013 करोड़ रुपये का कार्यदेश मिला था.

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Guru Swarup Mishra
Guru Swarup Mishrahttps://www.prabhatkhabar.com/
मैं गुरुस्वरूप मिश्रा. फिलवक्त डिजिटल मीडिया में कार्यरत. वर्ष 2008 से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से पत्रकारिता की शुरुआत. आकाशवाणी रांची में आकस्मिक समाचार वाचक रहा. प्रिंट मीडिया (हिन्दुस्तान और पंचायतनामा) में फील्ड रिपोर्टिंग की. दैनिक भास्कर के लिए फ्रीलांसिंग. पत्रकारिता में डेढ़ दशक से अधिक का अनुभव. रांची विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में एमए. 2020 और 2022 में लाडली मीडिया अवार्ड.

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