रांची : झारखंड सचिवालय सेवा संवर्ग और निजी सहायक संवर्ग के कर्मियों का वेतन घटेगा. वहीं इनके द्वारा प्राप्त राशि की वसूली भी होगी. इस बाबत वित्त विभाग ने संकल्प जारी कर दिया है. जानकारी के मुताबिक, अभी इन संवर्ग के मूल कोटि के कर्मियों का वेतन निर्धारण न्यूनतम वेतन 18460 रुपये के हिसाब से तय हुआ था. इसके तहत सभी एक अक्तूबर 2019 के बाद से वेतन प्राप्त कर रहे हैं. हेमंत सरकार ने इसे गलत बताया है. साथ ही इस निर्णय को असंगत मानते हुए इस संबंध में जारी आदेश को निरस्त करने की अनुशंसा कर दी है.
हेमंत सरकार ने लिया अधिक राशि का वसूली करने का फैसला
साथ ही एक अक्तूबर 2019 से अब तक जो अधिक राशि का भुगतान हुआ है, हेमंत सरकार ने उसकी वसूली का भी निर्णय लिया गया है. इसकी वसूली समान किस्तों में करने का फैसला लिया गया है. कुछ दिन पहले मंत्रिपरिषद की बैठक में इसका फैसला लिया गया था. इसके आलोक में वित्त विभाग ने यह संकल्प जारी किया है.
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वित्त विभाग द्वारा जारी संकल्प पत्र में क्या है
वित्त विभाग द्वारा जारी संकल्प पत्र में यह लिखा गया है कि एक जनवरी 2006 के पूर्व पदस्थापित झारखंड सचिवालय के सहायक और निजी सहायक के मूल कोटि के कर्मियों के मामले में अलग निर्णय के तहत वेतन निर्धारण किया गया है. इसके तहत न्यूनतम वेतन 18460 रुपये की स्वीकृति प्रदान की गयी थी, जबकि छठे वेतन पुनरीक्षण के आलोक में वेतन निर्धारण की प्रक्रिया का प्रावधान पूर्व से ही है. ऐसे में किसी पद विशेष के लिए छठे वेतन पुनरीक्षित वेतनमान में अलग निर्णय के तहत वेतन निर्धारण किया जाना उचित नहीं है.
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