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साहिबगंज में हेमंत सोरेन, तो रांची में विभिन्न राजनीतिक पार्टी कार्यकर्ताओं ने सिदो-कान्हू को किया नमन

रांची में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने वीर शहीद सिदो-कान्हू की प्रतिमा और चित्र पर माल्यापर्ण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस दौरान वीर शहीद के उद्देश्यों को आत्मसात करने पर जोर दिया.

Jharkhand News: हूल दिवस के मौके पर साहिबगंज के भोगनाडीह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण का उन्हें नमन किया. वहीं, राजधानी रांची में झामुमो, कांग्रेस, बीजेपी, आजसू पार्टी समेत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने नमन किया.

सिदो- कान्हू की प्रतिमा पर कांग्रेस-झामुमो ने श्रद्धा सुमन अर्पित किये

रांची के सिदो-कान्हू पार्क स्थित उनकी प्रतिमा पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की, जेएमएम महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य, सांसद महुआ मांझी, जेएमएम प्रवक्ता विनोद पांडेय समेत अन्य कार्यकर्ताओं ने माल्यार्पण किया. इस मौके पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि हूल क्रांति जैसी एकजुटता आज भी प्रासंगिक है. आज भी देश को बचाने की जरूरत है. वहीं जेएमएम महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि यह लड़ाई सामंतवाद के खिलाफ रही. झारखंड की धरती से हुआ आजादी के आगाज पर हम सभी उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं.

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हूल क्रांति की भावनाओं से खिलवाड़ कर रही हेमंत सरकार : दीपक प्रकाश

वहीं, सिदो, कान्हू, चांद व भैरव के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए बीजेपी प्रदेश अधक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि हेमंत सरकार हूल क्रांति की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है उन्होंने कहा कि झारखंड के वीर सपूतों ने अपनी अस्मिता और सांस्कृतिक पहचान को बचाने , अपनी जमीन की रक्षा के लिए शोषण और अत्याचार के खिलाफ अपनी शहादत दी थी. आज झारखंड जमीन खान-खनिज के लूट की भूमि बन गई है. गरीबों की जमीन सरकार के संरक्षण में दलाल ,बिचौलिए लूट रहे हैं.

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अंग्रेजों के खिलाफ प्रथम विद्रोह का संताल परगना की धरती से बिगूल फूंका गया : बाबूलाल

भाजपा विधायक दल के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने सिदो-कान्हू को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि जब आम समाज अंग्रेजी दासता के खिलाफ बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहा था, उसके बहुत पहले ही जनजाति समाज के वीर सपूतों सिदो, कान्हू, चांद और भैरव ने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी और अपनी शहादत दी. कहा कि उनके सपने अभी अधूरे हैं. उसे पूरा करके ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकती है. वहीं, प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह ने कहा कि हूल दिवस झारखंड के इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा है. इससे नई पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए. प्रदेश कार्यालय में श्रद्धा सुमन अर्पित करने वालों में गंगोत्री कुजूर, विधायक सीपी सिंह, नवीन जायसवाल, काजल प्रधान, हेमंत दास, सूरज चौरसिया, शिवपूजन पाठक, प्रतुल शाहदेव, पवन साहू, सीमा शर्मा, उषा पांडेय, केके गुप्ता, वरुण साहू, बलराम सिंह, रविनाथ किशोर, अरुण झा, संदीप वर्मा, शोभा यादव, संजय जायसवाल, कमाल खान, लक्ष्मीचंद्र दीक्षित, प्रमोद पांडेय आदि उपस्थित थे.

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वीर शहीद के उद्देश्यो को आत्मसात करने की जरूरत : सुदेश महतो

वहीं, आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने सिदो-कान्हू को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि इनके उद्देश्यों को राज्य सहित पूरे देश के लोगों को आत्मसात करने की जरूरत है. उनके विचारों को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में मूल्यांकन कर अमर शहीदों की गाथा को उच्चतम स्तर पर ले जाने का प्रयास जारी है. इस लड़ाई के बारे में देश के हर नागरिक को विस्तार से जानने और समझने की जरूरत है. कहा कि उस समय के ऐसे कई स्वतंत्रता सेनानी हैं जिन्हें अभी तक उचित सम्मान नहीं मिल पाया है. कोलकाता के रिसर्च सेंटर ने उस वक्त की लड़ाई में शामिल 10 स्वतंत्रता सेनानियों के नाम जारी किए हैं जिससे साफ होता है कई लोग और कई समाज संगठित रूप से इस लड़ाई में शामिल थें. सरकार को इन सभी लोगों को बराबर की मान्यता देने और ऐसे स्वतंत्रता सेनानी जिनके नाम अभी तक सामने नहीं आये हैं उनके नाम सामने लाने के लिए एक विशेष शोध टीम तैयार कर अध्ययन करवाना चाहिए, ताकि हम इन नेतृत्वकर्ताओं को धरोहर की तरह स्थापित कर पाएं. इस मौके पर गिरिडीह लोकसभा सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने रामगढ में, पूर्व मंत्री उमाकांत रजक ने चंदनकियारी में, पूर्व मंत्री रामचंद्र सहिस ने घाटशिला में महानायकों को नमन कर उनकी संघर्ष गाथा पर प्रकाश डाला.

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हूल क्रांतिकारियों का बलिदान नहीं भूलेगा हिंदुस्तान : एबीवीपी

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद रांची महानगर की ओर से सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया. राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि आज का दिन झारखंड के लिए गौरव का दिन है. आज केदिन अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की बिगुल 1855 में सबसे पहले झारखंड के वीर सपूत सिदो, कान्हू, चांद और भैरव ने जगाई थी. इस मौके पर प्रांत सह कोषाध्यक्ष शुभम प्रोहित, प्रेम प्रतीक,अटल पांडेय, अवधेश ठाकुर, मुन्ना यादव, खुशबू हेमरोम, हर्ष राज, ऋतुराज सिंह, विद्यानंद राय, सिद्धांत, साक्षी, शुभम, कुणाल, ऋतु, सचिन समेत अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे.

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Samir Ranjan
Samir Ranjan
Senior Journalist with more than 20 years of reporting and desk work experience in print, tv and digital media

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