रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने राजधानी रांची की सड़कों और संपर्क पथों की जर्जर स्थिति को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) रांची की राज्य सरकार के अधीनवाली सड़कों के सर्वे की रिपोर्ट का अवलोकन किया. खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि डालसा की रिपोर्ट राज्य सरकार के दावे की पुष्टि नहीं करती है, बल्कि उसे खारिज करती है. खंडपीठ ने राज्य सरकार को रिपोर्ट पर जवाब दायर करने का निर्देश दिया. साथ ही कहा कि राज्य सरकार व रांची नगर निगम को बरसात से पहले अपने क्षेत्राधिकारवाली सड़कों की मरम्मत कर लेनी चाहिए थी, ताकि वे क्षतिग्रस्त न हों. रांची नगर निगम ने लालजी-हिरजी रोड, विष्णु टॉकीज लेन, मधुकम रोड व माउंट मोटर गली की मरम्मत के लिए राशि स्वीकृत कर दी है. टेंडर प्रक्रिया के बाद कार्य शुरू होगा. राज्य सरकार ने भी पांच मई को शपथ पत्र दायर कर बताया था कि सड़कों की मरम्मत लगातार हो रही है. प्रार्थी अधिवक्ता शुभम कटारूका ने सरकार की दलील का विरोध किया था, जिसके बाद खंडपीठ ने डालसा को सर्वे कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था. उन्होंने जनहित याचिका में कहा कि खराब सड़कों के कारण लोगों को परेशानी हो रही है. बड़ा तालाब के पास सेवा सदन जानेवाली सड़क की स्थिति भी ठीक नहीं है. गड्ढों के कारण दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहती है.
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