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Holi 2025: झारखंड में पलाश के फूल से तैयार हर्बल गुलाल की भारी डिमांड, ऐसे तैयार किया जाता है इसे

Holi 2025: सरायकेला के बाजार में पलाश फूल से तैयार हर्बल गुलाल की भारी डिमांड है. जिले की महिलाएं इसे तैयार करने में जुटी है. खास बात ये है कि इसमें किसी तरह के केमिकल का प्रयोग नहीं होता है.

सरायकेला-खरसावां, शचिंद्र कुमार दाश : होली को लेकर रंग-गुलाल के बाजार सजने लगे हैं. सरायकेला के मार्केट में इस बार सबसे खास पलाश के फूल से तैयार हर्बल गुलाल है. लोगों के बीच इसकी भारी डिमांड है. इसे लेकर खरसावां, कुचाई. चांडिल, नीमडीह समेत जिले के अलग अलग क्षेत्रों में महिलायें हर्बल गुलाल बनाने में जुटी हैं. महिलाएं खुद पर्यावरण अनुकूल हर्बल गुलाल तैयार कर रही है. वे फूल तोड़ने से लेकर गुलाल बनाने और पैकेजिंग करने तक का काम कर रही है. महिलाएं ही इसकी मार्केटिंग भी कर रहीं हैं. जेएसएलपीएस ने पलाश ब्रांड के तहत हर्बल गुलाल की बिक्री के लिए इन महिलाओं को प्लेटफॉर्म दिया है.

पालक, हल्दी, चुकंदर और गेंदा फूल से तैयार हो रहा गुलाल

झारखंड में पलाश के फूलों के साथ ही पालक, गेंदा, सिंद्धार फूल, हल्दी और चुकंदर से भी गुलाल बनाया जा रहा है. हरे रंग का गुलाल पालक से तो गुलाबी रंग का चुकंदर (बीट) से तैयार किया जा रहा है. वहीं, पीले रंग के लिए हल्दी तो नीले रंग के लिए सिंद्धार फूल और पत्तियों का उपयोग किया जाता है. इसमें किसी केमिकल का उपयोग नहीं किया जाता. यह पूरी तरह से त्वचा के लिए सुरक्षित है. हर्बल गुलाल त्वचा के लिए सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल होता है. आंखों और बालों के लिए भी सुरक्षित होता है. इसलिए लोग इसकी तरफ आकर्षित हो रहे हैं. इसी का नतीजा है कि हर्बल गुलाल की मांग साल-दर-साल तेजी से बढ़ती जा रही है.

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ऐसे बनता है हर्बल गुलाल

पलाश के फूल को पेड़ से तोड़ने के बाद दो-तीन दिन तक सुखाया जाता है. फिर फूल के काले हिस्से को अलग कर दिया जाता है. फूल के पूरी तरह से सूख जाने के बाद इसे मिक्सी में पीसा जाता है. इसके बाद इसे छानकर अलग करते हैं, ताकि गुठली जैसा कुछ रह न जाए. फिर एक बड़े बर्तन में अरारोट पाउडर में पीसे हुए फूल को मिलाया जाता है. सुगंध के लिए इसमें गुलाब जल या एसेंशियल ऑयल मिलाया जाता है. पूरी तरह सूखने के बाद छलनी से छाना जाता है, ताकि महीन और मुलायम गुलाल तैयार हो. फिर पैकेजिंग कर बाजार में पहुंचता है.

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क्या कहते हैं स्थानीय लोग

हर्बल गुलाल में अलग अलग फूल और पत्तियों के पाउडर का इस्तेमाल होता है. इसमें किसी तरह के केमिकल का उपयोग नहीं किया जाता. यह पूरी तरह से त्वचा के लिए सुरक्षित है.

सुष्मिता देवी, आमदा

पहली बार हर्बल गुलाल बनाने का कार्य शुरू किया. इससे महिलाओं को स्वरोजगार मिला है. बाजार में काफी अच्छा रिस्पोंस मिल रहा है. अगले वर्ष और बड़े पैमाने पर हर्बल गुलाल बनाया जाएगा.

शोभा देवी, राजखरसावां

हर्बल गुलाल त्वचा के लिए सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल होता है. इससे शरीर को किसी तरह का नुकसान नहीं होता है. इस कारण ही हर्बल गुलाल की मांग तेजी से बढ़ रही है.

रीना शाह, राजखरसावां

जेएसएलपीएस ने पलाश ब्रांड के हर्बल गुलाल की काफी मांग है. इसकी बिक्री के लिए जिले के सभी प्रखंडों मुख्यालयों में विशेष स्टॉल लगाये गये हैं. हर्बल गुलाल के जरिये महिलाओं को होली में रोजगार मिल रहा है.

विनोता प्रधान, कुचाई

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Sameer Oraon
Sameer Oraon
A digital media journalist having 3 year experience in desk

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