डकरा. केडीएच कांटा घर के वजन को रिमोट से कंट्रोल करने के खुलासे व रोहिणी और चूरी कांटाघर में लगे डिजिटाइजर में चिप फिट किये जाने के विवाद और राज्य सरकार का माप-तौल विभाग एवं सीसीएल प्रबंधन के आरोप-प्रत्यारोप के बीच एक बार फिर सीसीएल का विजिलेंस विभाग सक्रिय हो गया है. सोमवार और मंगलवार को विजिलेंस की टीम रोहिणी कांटा घर पहुंची और यहां के फाइलों को खंगाला. इस घटना से जुड़े लोगों से पूछताछ की गयी और टीम लौट गयी. 26 दिसंबर को रिमोट की घटना और 27 दिसंबर को चिप फिट किये जाने की घटना के बाद खलारी थाना में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी के बावजूद आज तक इस मामले में कुछ भी कार्रवाई नहीं होने से कोयलांचल में इसको लेकर कई तरह की चर्चा होते रहती है. इस बीच इस प्रकरण का सबसे बड़ा लाभार्थी स्क्रैप कारोबारी को स्क्रैप उठाने के लिए जिस प्रकार अलग से समय विस्तार कर बचे हुए स्क्रैप उठवाया गया है, उससे कई लोग संदेह के घेरे में हैं. चिप मिलने के बाद सीसीएल ने माप-तौल विभाग को कटघरे में खड़ा किया, तो माप-तौल विभाग ने पत्र लिख कर आरोप लगाया कि सीसीएल के अधिकारी मिल कर चिप लगाये हैं. आज तक डिजिटाइजर की जांच रिपोर्ट भी सामने नहीं आयी. वहीं जिन ट्रकों को रोक कर रखा गया था, उसे भी छोड़ दिया गया. मतलब स्क्रैप कारोबारी को घटना के बाद भी हर तरीके से जो सहूलियत दी गयी, उस मामले में सीसीएल के विजिलेंस विभाग की संभावित कार्रवाई पर लोगों की नजर टिकी हुई है. एक जानकार ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि कुछ छोटे कर्मचारी पर कार्रवाई कर मामले की लीपापोती करने का प्रयास चल रहा है. ऐसा हुआ तो क्षेत्र की मजदूर राजनीति गरमा सकती है.
रोहिणी कांटा घर पहुंची विजिलेंस की टीम ने फाइलें देखी, लोगों से की पूछताछ
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