रांची: राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप झारखंड के कक्षा एक से 12वीं तक के सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों के शिक्षण कार्य का आकलन किया जायेगा. इसके आधार पर उन्हें ट्रेनिंग दी जायेगी. आकलन परीक्षा में शिक्षकों का शामिल होना अनिवार्य होगा. इसके लिए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने अगले पांच वर्ष की कार्य योजना तैयार की है. इस संबंध में विभाग के सचिव उमाशंकर सिंह ने कहा, कि टीचर नीड असेसमेंट (टीएनए) को लेकर पोर्टल तैयार किया गया है.
आकलन परीक्षा शिक्षकों की बेहतरी के लिए
शिक्षा विभाग के सचिव उमाशंकर सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शिक्षकों के सतत क्षमता विकास को महत्वपूर्ण माना गया है. झारखंड शिक्षा परियोजना के निदेशक शशिरंजन ने कहा कि आकलन परीक्षा शिक्षकों के स्वयं की बेहतरी के लिए है. इससे घबराने की आवश्यकता नहीं. ट्रेनिंग से शिक्षकों का प्रोफाइल बेहतर होगा.
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24 से 28 अप्रैल तक होगा आयोजन
शिक्षकों के आवश्यकता आधारित आकलन की प्रक्रिया 24 से 28 अप्रैल तक होगी. यह राज्य के सभी प्रखंडों में आयोजित की जायेगी. इसमें कक्षा एक से 12वीं तक के सरकारी विद्यालय के सभी शिक्षक शामिल होंगे. परीक्षा के रिजल्ट के आधार पर तैयार प्रशिक्षण माड्यूल के अनुरूप शिक्षकों का प्रशिक्षण होगा. जिससे उन्हें अपने शिक्षण कार्य को और अधिक प्रभावी बनाने में मदद मिलेगा. परीक्षा के बाद सभी शिक्षकों को स्कोर दिया जायेगा. शिक्षकों का निबंधन 14 अप्रैल से शुरू होगा. अप्रैल और अक्तूबर में परीक्षा होगी.
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