डॉ धीरज मणि पाठक/डॉ सीमा अखौरी, (सहायक प्रोफेसर, संत जेवियर्स कॉलेज, रांची)
Jharkhand Economic Survey 2025: रांची-झारखंड की आर्थिक प्रगति और स्थिरता को रेखांकित करने वाला आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 राज्य की समग्र आर्थिक स्थिति को दर्शाते हुए पिछले कुछ वर्षों में किये गये विकास कार्यों और सरकारी नीतियों के सकारात्मक प्रभाव को उजागर करता है. सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में निरंतर वृद्धि ने राज्य की आर्थिक स्थिति को और मजबूती दी है. 2023-24 में बाजार मूल्य पर जीएसडीपी में 10.7% की वृद्धि हुई और आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 में 9.8% की वृद्धि का अनुमान है. इस वृद्धि को ध्यान में रखते हुए झारखंड ने देश के अन्य राज्यों के मुकाबले एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है. झारखंड का प्रति व्यक्ति जीएसडीपी 2021-22 में ₹88,500 था, जो 2023-24 में बढ़कर ₹1,05,274 तक पहुंच गया है और यह 2024-25 के अंत तक ₹1,14,271 तक पहुंचने की उम्मीद है.
आर्थिक विकास को लेकर सकारात्मक संकेत
राज्य के क्षेत्रीय आर्थिक विकास को लेकर भी सकारात्मक संकेत सामने आये हैं. तृतीयक क्षेत्र (सेवा क्षेत्र) ने सबसे बड़ा हिस्सा लिया, इसके बाद द्वितीयक क्षेत्र (उद्योग) और प्राथमिक क्षेत्र (कृषि) का स्थान रहा. 2023-24 में इन क्षेत्रों का योगदान क्रमशः 44.4% व 35.5% और 20.10% था. जहां एक ओर प्राथमिक क्षेत्र में 7.27% की वृद्धि हुई, वहीं द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र में 5.18% और 8.75% की वृद्धि दर्ज की गयी.
गरीबी में कमी, बेरोजगारी दर में सुधार
गरीबी उन्मूलन और रोजगार में सुधार को लेकर रिपोर्ट में उल्लेखनीय आंकड़े सामने आये हैं. राज्य की गरीबी दर में महत्वपूर्ण कमी आयी है. 2015-16 में जहां यह दर 42.10% थी, वहीं 2019-21 तक यह घटकर 28.81% हो गयी है. बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआइ) भी इस अवधि में 0.202 से घटकर 0.131 हो गया है, जो राज्य की समग्र सामाजिक-आर्थिक प्रगति का प्रमाण है. राज्य की बेरोजगारी दर में भी सुधार हुआ है. 15-59 आयु वर्ग के श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) में 2022-23 से 2023-24 के बीच 65.7% से बढ़कर 67.80% हो गयी है. वहीं, ग्रामीण और शहरी इलाकों में बेरोज़गारी दर में गिरावट आयी है. ग्रामीण क्षेत्रों में 2017-18 में बेरोज़गारी दर 8.10% थी, जो 2023-24 में घटकर 0.90% हो गयी. इसी तरह शहरी क्षेत्रों में बेरोज़गारी दर 10.6% से घटकर 6.1% हो गयी.
मुद्रास्फीति की दर नियंत्रण में
मुद्रास्फीति की दर भी नियंत्रण में रही है, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान औसतन 5.70% रही. इसके अलावा, राज्य में बचत और क्रेडिट की स्थिति में भी सुधार हुआ है. 2014 से 2024 तक वाणिज्यिक बैंकों में जमा राशि ₹1.18 लाख करोड़ से बढ़कर ₹3.41 लाख करोड़ हो गयी, वहीं अग्रिम राशि ₹70,000 करोड़ से बढ़कर ₹1.64 लाख करोड़ हो गयी है.
2024-25 में राजकोषीय घाटा 1.90% संभव
राज्य का राजकोषीय प्रबंधन भी उत्कृष्ट रहा है. नीति आयोग की (फिसक्ल हेल्थ इंडेक्स-2025) रिपोर्ट में झारखंड को 18 सामान्य श्रेणी राज्यों में चौथा स्थान मिला है और राज्य ने फिसक्ल प्रुडेंस इंडेक्स में पहले स्थान. राज्य का ऋण-जीएसडीपी अनुपात वित्तीय वर्ष 2022-23 में 28.40% था, जो 2023-24 में घटकर 27.10% तक पहुंच गया है. वहीं, राजकोषीय घाटा भी 2023-24 में बाजार मूल्य पर जीएसडीपी का 1.40% था और यह 2024-25 में 1.90% तक बढ़ सकता है. इस प्रकार से झारखंड की आर्थिक स्थिति में स्थिरता और प्रगति की स्पष्ट तस्वीर उभर रही है.
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